समाजवादी पार्टी में अन्तर्कलह सार्वजनिक होने के बाद वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल यादव ने पहली बार शुक्रवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात की.करीब डेढ़ घंटे तक हुई यह गुफ्तगू कौमी एकता दल का सपा में विलय रद्द होने समेत विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चाचा-भतीजे (शिवपाल और अखिलेश) के बीच मतभेद की खबरों और उस पर विपक्ष की तल्ख टिप्पणियों के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
शिवपाल परसों हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जिससे उनके और मुख्यमंत्री के बीच मतभेद की खबरों को और हवा मिल गयी थी. हालांकि इस बैठक में किन विषयों पर चर्चा हुई, इस बारे में कुछ नहीं बताया गया लेकिन माना जा रहा है कि यह शिवपाल और अखिलेश के बीच मतभेदों को दूर करने की कोशिश के तहत हुआ है.
बाद में, संवाददाताओं से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि पार्टी और यादव परिवार में कहीं कोई मतभेद या अन्तर्कलह नहीं है. उन्होंने कहा अन्तर्कलह हमें तो नहीं दिखायी दी. हम तो आज ही डेढ घंटे बैठे हैं. पूरा परिवार कल भी साथ था, आज भी रहा. कल हम नहीं थे, तो आज हम बैठ लिये. सरकार में वह (अखिलेश) मुख्यमंत्री हैं और हम मंत्री हैं. हम दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है.
अखिलेश सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए शिवपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनधन योजना के तहत खाते जरूर खुलवा दिये लेकिन उसमें एक भी पैसा नहीं डाला. अखिलेश ने अच्छा फैसला करते हुए समाजवादी पेंशन योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से उन गरीबों के खाते में डलवा दिये. अखिलेश ने अच्छे काम किये हैं. हम इसके बल पर 2017 में इससे भी बड़ी बहुमत की सरकार बनाएंगे.
जमीनों पर अवैध कब्जे तथा उसके जिम्मेदार अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से व्यथित होकर हाल में इस्तीफे की बात करने वाले शिवपाल ने एक सवाल पर कहा कि जहां तक कब्जे का मामला है तो अधिकारियों ने लापरवाही जरूर की है.उन्होंने कहा कि सपा के ही कुछ लोग अपने रुतबे का दुरुपयोग करते हैं. अगर पार्टी के ही लोग गड़बड़ी करेंगे तो इससे नुकसान तो पार्टी का ही होगा.
इन मामलों पर अगर कार्रवाई नहीं हो तो तकलीफ होती है. जहां कहीं कब्जा होता है, तो मेरी भी जिम्मेदारी है. हमने जिलाधिकारियों को गड़बड़ी करने वाले लेखपालों और तहसीलदारों पर कार्रवाई करने को कहा है लेकिन अगर जिलाधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह अच्छी बात नहीं है.
लोकनिर्माण मंत्री ने कहा कि थानों और तहसील दफ्तरों में दलाल नहीं बैठने चाहिये, अगर दलाल सपा से जुड़ा है तो उसके खिलाफ पहले कार्रवाई होनी चाहिये. मेरी राय है कि उसे पार्टी से फौरन हटा दिया जाना चाहिये.कौमी एकता दल (कौएद) के सपा में विलय को बहाल किये जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा इस मामले में सर्वाधिकार नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को है.
नेताजी जो कहेंगे, हमें मान्य होगा. उनका संकेत हमारे लिये हुक्म है. हमारे खिलाफ अगर साजिश हो रही है तो उसे नेताजी दूर कर लेंगे.मालूम हो कि शिवपाल ने ही पिछली 21 जून को कौएद के सपा में विलय की औपचारिक घोषणा की थी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद सपा संसदीय बोर्ड ने 25 जून को यह विलय रद्द कर दिया था. इस घटना के बाद शिवपाल और अखिलेश में मतभेद और गहराने की बातें जोरों पर थीं.
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पार्टी प्रदेश कार्यालय में झंडारोहण कार्यक्र म के दौरान कहा था कि पार्टी के अंदर शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है. वह अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिये उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उन्होंने कहा था कि शिवपाल अगर पार्टी से अलग हो गये तो सपा बिखर जाएगी और पार्टी के आधे लोग उनके साथ चले जाएंगे.