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तीन तलाक बिल पर पर्सनल लॉ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड आमने सामने

लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 लोकसभा में पारित हो गया. इस बिल को लेकर मुस्लिम संगठन आपस में बंटे हुए हैं. ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक के खिलाफ विधेयक पेश किये जाने की निन्दा करते हुए इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजने की अपील की.

बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलीलउर्रहमान सज्जाद नोमानी ने कहा कि बोर्ड को इस बात का बहुत अफसोस है कि तीन तलाक संबंधी विधेयक को इतनी जल्दबाजी में पेश किया गया. इस जल्दबाजी की कोई वजह समझ में नहीं आती. उन्होंने कहा कि आज संसद की कार्यवाही में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कई बार बोर्ड को उद्धत किया.

भाजपा की एक सांसद ने बोर्ड अध्यक्ष राबे हसनी नदवी की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र के एक-एक बिंदु का जवाब देने की कोशिश की. जाहिर है कि सरकार ने बोर्ड को एक प्रतिनिधि संगठन माना है. ऐसे में उसका हक था कि उसके अध्यक्ष के खत के सम्मान में विधेयक को चंद दिन के लिये रोक दिया जाता.

मौलाना नोमानी ने कहा कि जिस तरह इस विधेयक को जल्दबाजी में पेश किया गया. उसकी हम निन्दा करते हैं और उसे गैर जरूरी और नासमझी भरा करार देते हैं.उन्होंने तीन तलाक सम्बन्धी विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने की अपील करते हुए इस विधेयक का विरोध करने या उसमें संशोधन की हिमायत करने वाले सांसदों का शुक्रिया अदा किया.

साथ ही अनुरोध किया कि अगर संसद में इस विधेयक पर मतविभाजन हो तो विपक्षी पार्टियां और अन्य सांसद इसके खिलाफ वोट करें.इस बारे में बोर्ड के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर नोमानी ने कहा कि बोर्ड अभी हालात पर बारीकी से नजर रख रहा है. उन्होंने कहा कि बोर्ड अभी अदालत जाने के विषय में कोई विचार नहीं कर रहा है और इस विधेयक में संशोधन कराने या उसे रद्द कराने के लिए जो भी लोकतांत्रिक तरीके होंगे वे अपनाये जाएंगे. 

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