रविवार को आरजेडी की भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली हुई। आरजेडी चीफ लालू यादव, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, जेडीयू नेता शरद यादव, अली अनवर, वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई नेता रैली में पहुंचे। लालू ने कहा नीतीश कुमार का कोई उसूल और सिद्दांत नहीं है।
हम वचन के पक्के हैं और गठबंधन की जीत के बाद नीतीश को सीएम बनाया था। उन्होंने गठबंधन तोड़ने पर कहा ये नीतीश की आखिरी पलटी है और अब उन पर कोई भरोसा नहीं करेगा। अब लालू आएगा। इस मौके पर शरद यादव ने कहा जिन्होंने गठबंधन तोड़ा उनसे कहना चाहता हूं कि देश के अंदर 125 करोड़ लोगों को गठबंधन बनेगा।
इससे पहले पूर्व डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव ने कहा जिन्होंने आपको धोखा दिया है, सबको पहचान लीजिए। जुमलेबाजों-धोखेबाजों को जब तक बाहर नहीं कर दूंगा, चैन से नहीं बैठूंगा। रैली से पहले कुछ युवाओं ने रोड पर हवाई फायर किए। इन्हें अरेस्ट कर लिया गया। बता दें कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मायावती रैली में शामिल नहीं हुए।
लालू ने कहा मैं नीतीश कुमार को सीएम बनाना नहीं चाहता था। मैं इनका स्वभाव जानता था। मुलायम सिंह ने कहा कि महागठबंधन का नेता बना दीजिए तो मैं तैयार हुआ, लेकिन उनसे कहा कि इस बात की घोषणा आप ही करें। नीतीश मेरे घर आए थे। पत्नी और बेटों के सामने कहा कि मैं अब बूढ़ा हो गया हूं। अंतिम बार के लिए सीएम बना दीजिए। भविष्य तो इन बच्चों का है।
जिन शरद यादव ने नीतीश को नेता और मंत्री बनाया आज उन्हें ही अपशब्द कहे जा रहे हैं। सरकार में तेजस्वी अच्छा काम कर रहे थे। उन्होंने कई सड़क और पुल बनवाया। इससे नीतीश कुमार को जलन होने लगी थी।नीतीश जब भी बीमार पड़ें, समझ लीजिए कुछ करने वाले हैं। राजगीर चले गए थे, स्वास्थ्य लाभ करने। यहां पटना में मेरे घर पर सीबीआई रेड हो गई।
बिना राज्य सरकार को बताए सीबीआई रेड नहीं मार सकती। नीतीश ने नरेंद्र मोदी की थाली छीन ली थी। शनिवार को जब पीएम बिहार आ रहे थे तो नीतीश चांदी की थाली में 156 भोग सजाकर बैठे थे। मोदी ने पटना के भोज को रद्द कर नीतीश की थाली को ठोकर मार दी।सृजन घोटाले में आरोपी विपिन बीजेपी के किसान प्रकोष्ठ का अध्यक्ष था। उसके गिरिराज सिंह और शाहनवाज हुसैन जैसे कई नेताओं से संबंध थे। घोटाला सामने आया तो विपिन की संदिग्ध हालत में मौत हो गई।
नीतीश पर 302 का केस दर्ज है। उन्हें मालूम था कि हत्या का केस खुलने वाला है। इसलिए बीजेपी के साथ चले गए। नीतीश भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। सृजन घोटाला में उनका जीरो टॉलरेंस कहां गया? शराबबंदी की खूब बाद करते हैं नीतीश, लेकिन सच्चाई यह है कि घर-घर में शराब मिल रही है। हमने ताड़ी बेचने देने को कहा था। लेकिन, इसने कहा कि नीरा बनाएंगे। कहां गया नीरा।