वकालत से संन्यास के 10 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी

वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी (95) ने कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। वे वकालत से संन्यास के 10 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। जेठमलानी ने अपनी अर्जी में राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को बेतुका बताया। इससे पहले कहा कि कर्नाटक में जो कुछ भी हुआ, उससे साफतौर पर जाहिर है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म हुई।

बता दें कि राज्यपाल ने 104 सीटें जीतने वाली भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार येदियुरप्पा को शपथ दिलाई। येदि ने तीसरी बार कर्नाटक के सीएम की कुर्सी संभाली। कांग्रेस-जेडीएस भी राज्यपाल के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। इनकी अर्जी पर कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगी।

जेठमलानी अपनी अर्जी लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच के सामने पहुंचे। सीजेआई से कहा- मैं यहां किसी पार्टी की तरफ से नहीं बल्कि निजी तौर पर आया हूं।इस पर सीजेआई ने कहा कि यह मामला दूसरी बेंच के सामने लगा है। जिसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी है। आप उसी बेंच के सामने अपनी अर्जी का उल्लेख करें। 

जेठमलानी ने मीडिया से कहा राज्यपाल का आदेश पूरी तरह से संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का मामला है। कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। मैं शुक्रवार को कोर्ट में मौजूद रहूंगा।जेठमलानी ने कहा जो कुछ भी हुआ, उससे साफतौर पर जाहिर है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म हुई। कुछ मौके पर ऐसी चीजें हो सकती हैं, पर इन मामलों में पार्टी के दखल देने का तरीका सही नहीं है।

सब जानते हैं कि भाजपा ने जो कहा राज्यपाल ने वही किया और ऐसा मुर्खतापूर्ण फैसला ले लिया। अगर आप निजी हित के लिए आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं तो यह संविधान के खिलाफ है। राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता देकर खुलेतौर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।

बता दें कि जेठमलानी ने 9 सिंतबर, 2017 को एक कार्यक्रम में वकालत से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने करीब 75 साल से ज्यादा समय तक वकालत की। अटल बिहारी वायपेयी सरकार में वह केंद्रीय कानून मंत्री भी रह चुके हैं।संन्यास के दौरान उन्होंने कहा था वह भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मौजूदा वक्त में देश की हालत अच्छी नहीं है। देश को कठिन दौर से उबारने की जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *