पुलिस ने अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक समेत लगभग 125 लोगों के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा हरियाणा में जाट आरक्षण पर रोक लगा दिए जाने के बाद अब खट्टर सरकार और पुलिस प्रशासन ने मन बना लिया है कि प्रदेश में फिर से आंदोलन की आग न फैले. इसके लिए अब पुलिस सीधे ‘बड़ी मछलियों’ पर हाथ डालने की रणनीति पर उतर आई है.
शुक्रवार को यहां पुलिस ने अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक समेत लगभग 125 लोगों के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.एसपी राकेश आर्य के अनुसार पुलिस प्रशासन को यह सूचना मिली थी कि अर्बन एस्टेट कालोनी की जाट धर्मशाला में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने दो दिन पहले हुई बैठक में सरकार और शासन के खिलाफ सीधे बगावत करने के लिए लोगों को उकसाने वाले भाषण दिए.
प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए इस तरह की बैठक बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकती है. बैठक में यशपाल मलिक और उनके साथियों ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वह जनता को सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाने वाली थी और इससे प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था को भी खतरा पैदा हो सकता है. इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने यशपाल मलिक, आरएस सहरावत, राज सिवाच, ईश्वर मलिक, कृष्ण किरमारा, कृष्ण श्योकंद, ईश्वर सिंह मोर आदि को नामजद करते हुए लगभग 125 अन्य के खिलाफ देशद्रोह समेत कई अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.