विदेश सचिव एस जयशंकर गुरुवार से शुरू हो रही एनएसजी की पूर्ण बैठक से पहले भारत के सदस्यता प्रयासों को मजबूत करने के लिए बुधवार को सोल रवाना हो गए.भारत जहां सदस्यता पाने की उम्मीद कर रहा है, वहीं चीन और कुछ अन्य देश इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं.जयशंकर दक्षिण कोरिया की राजधानी में भारत के सदस्यता हासिल करने की संभावना को मजबूत करने के लिए सदस्यों का समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे.
वह सोमवार से शुरू हुई 48 देशों वाले समूह की आधिकारिक स्तर की वार्ता के दौरान हो रहे घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखे हुए थे.सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं ‘निरस्त्रीकरण तथा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा’ प्रभाग के प्रभारी अमनदीप सिंह गिल समर्थन ‘जुटाने’ और भारत के मामले की ‘व्याख्या’ करने के लिए पहले से ही सोल में हैं.
भारत जैसे गैर एनपीटी देशों के प्रवेश पर सदस्यों के बंटे होने के साथ चीन एनएसजी सदस्यता के भारत के प्रयासों में लगातार रोड़ा अटका रहा है.परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है और यदि कोई एक देश भी भारत के खिलाफ मतदान करता है तो सदस्यता पाने का उसका प्रयास विफल हो जाएगा.