राजौरी सेक्टर में पाक रेंजर्स की ओर से गोलाबारी की गई है. भारत की ओर से भी पाकिस्तानी गोलाबारी का माकूल जवाब दिया गया है, हालांकि दोनों ओर से हुई फ़ायरिंग में किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है. पिछले करीब दो वर्षों के दौरान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास सेना के परिचालनात्मक कमान के तहत संघर्ष विराम के उल्लंघन के 583 मामले सामने आए हैं, जिसमें सेना के 15 जवान शहीद हुए हैं.
सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है.सूचना के अधिकार के तहत रक्षा मंत्रालय के समन्वित मुख्यालय (एचक्यू) के सैन्य परिचालन महानिदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास सेना के परिचालनात्मक कमान के तहत 3 जुलाई 2015 से 3 जुलाई 2017 के बीच संघर्ष विराम के उल्लंघन के 583 मामले सामने आए हैं .
2015 में इस अवधि में ऐसे 135 मामले सामने आए जिनमें 4 जवान शहीद हुए. 2016 में संघर्ष विराम के उल्लंघन के 228 मामले सामने आए, जिनमें 8 जवान शहीद हुए और 3 जुलाई 2017 तक ऐसे 220 मामले सामने आए जिनमें 3 जवान शहीद हुए.
चीन के साथ सीमा विवाद और घुसपैठ के बारे में एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय के समन्वित मुख्यालय (एचक्यू) ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमांकन औपचारिक रूप से नहीं किया गया है, ऐसे में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों पक्षों में गश्ती को लेकर अपनी अपनी समझ है, इसके कारण अस्थायी तौर पर अतिक्रमण की घटनाएं होती हैं.
इसमें कहा गया है कि किसी तरह के मतभेद होने की स्थिति सीमा कर्मियों के बीच बैठक या सैन्य कर्मियों के बीच फ्लैग बैठक के जरिये सूचनाओं के आदान प्रदान की सुव्यवस्थित प्रणाली है . इस संबंध में सीमा पर शांति एवं स्थिरता संबंधी समझौता (1993), सैन्य क्षेत्र में विश्चवास बहाली के उपाय (1996) और साल 2005 के विश्वास बहाली के उपाय लागू करने की रूपरेखा संबंधी प्रोटोकाल के तहत कदम उठाये जाते हैं.