भाजपा ने पांच से नौ नवंबर के बीच उत्तर प्रदेश के विभिन्न कोनों से शुरू होने वाली अपनी चार परिवर्तन यात्राओं के विवरण के बारे में गुरूवार को घोषणा की और राज्य में सत्ता पाने के इस अभियान में प्रदेश के नेताओं की अहम भूमिका देखने को मिल सकती है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 दिसंबर तक चलने वाली इन यात्राओं के दौरान 192 दिन की अवधि में छह क्षेत्रीय सभाओं को संबोधित करेंगे वहीं प्रदेश के दो वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और कलराज मिश्रा 10-10 सभाओं में मुख्य वक्ता होंगे.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 10 दूसरी रैलियों को संबोधित करेंगे. पार्टी ने अपने राष्ट्रीय नेताओं की 30 रैलियों की योजना बनाई है. उमा भारती भी छह रैलियों को संबोधित करेंगी. यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी जिसमें केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ दो अन्य वरिष्ठ पार्टी नेता भूपेंद्र यादव और अनिल जैन मौजूद थे.प्रसाद ने कहा कि चार यात्राओं का समापन 24 दिसंबर को लखनऊ में होगा. इससे पहले यह 17000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
पहली यात्रा पांच नवंबर को सहारनपुर से शुरू होगी. दूसरी परिवर्तन यात्रा छह नवंबर को झांसी से शुरू होगी. तीसरी यात्रा आठ नवंबर को सोनभद्र से और चौथी नौ नवंबर को बलिया से शुरू होगी. सभी चार यात्राओं की शुरूआत के मौके पर शाह और मिश्रा उपस्थित रहेंगे, वहीं राजनाथ सिंह सहारनपुर को छोड़कर बाकी तीन जगहों पर मौजूद रहेंगे.
प्रसाद ने कहा यात्राओं के केंद्र में लोगों की सहभागिता और विकास मुख्य बिंदु होंगे. उन्होंने कहा कि इसमें पंचायत से संसद तक के सदस्य भाग लेंगे.उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 71 पर भाजपा के सदस्य हैं. यात्राओं में भाजपा की सहयोगी पार्टियों के नेता राम विलास पासवान और रामदास अठावले भी रहेंगे जो राजग के दो प्रमुख दलित चेहरे हैं. उपेंद्र कुशवाहा भी भागीदारी करेंगे.