हनीप्रीत हनुमानगढ़ जंक्शन में अपने भाई के ससुराल में रुकी थी। हैरानी की बात है कि हनुमानगढ़ पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि, हनीप्रीत की गिरफ्तारी को लेकर लुकआउट नोटिस जारी हो चुका था। बताया जा रहा है कि हरियाणा पुलिस ने इस संबंध में गुरुवार को पूर्व पार्षद मदन बाघला के घर पहुंचकर पूछताछ भी की, लेकिन बाघला परिवार के लोग इसको लेकर खुलकर नहीं बोल रहे हैं।
हालांकि, मदन बाघला ने हनीप्रीत के यहां रुकने की पुष्टि की है।बाघला का कहना है कि 28 अगस्त की रात को हनीप्रीत उनके घर पर रुकी थी और अगले दिन सुबह चली गई।रिश्तेदार होने के कारण खाना बनाया गया, लेकिन हनीप्रीत ने खाना नहीं खाया था। वह यहां पर रोती रही और घर से जाते समय भी रो रही थी।
उधर, पंचकूला पुलिस ने डेरामुखी की मां नसीब कौर, पत्नी हरजीत कौर, बेटे जसमीत और उसकी पत्नी को नोटिस जारी कर पंचकूला में पूछताछ के लिए बुलाया है।हनीप्रीत को ढूंढने हरियाणा पुलिस और एसआईटी गुरुवार दोपहर डेरामुखी के गांव गुरुसर मोडिया पहुंची। अचानक पहुंची हरियाणा पुलिस की गाड़ियों को देख पूरे इलाके में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया।
पुलिस काे संदेह था कि हनीप्रीत गुरुसर मोडिया में छिपी हो सकती है। इसी संदेह में पुलिस ने उसके संदिग्ध ठिकानों को खंगाला। लेकिन यहां से पुलिस को खाली हाथ ही लौटना पड़ा।हनीप्रीत के बारे में कभी नेपाल में तो कभी मुंबई तो कभी यूपी-बिहार में होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हरियाणा पुलिस उसे तलाशने में जुटी है।
हनीप्रीत 25 अगस्त को राम रहीम के साथ हेलिकॉप्टर में देखी गई थी। वह डेरामुखी के साथ पंचकूला से रोहतक की सुनारिया जेल गई थी और उसके बाद से ही वह गायब है।रेप केस में 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम का गुरुसर मोडिया जन्म हुआ था। यहां उसका मुख्य डेरा है। तीन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स और एक हॉस्पिटल भी है।
राम रहीम की मां नसीब कौर, पत्नी और बेटा जसमीत इंसा भी फिलहाल गुरुसर मोडिया में ही हैं।हरियाणा पुलिस के रडार पर आने के डर से श्रीगंगानगर शहर में कई डेरा समर्थकों ने अपने मोबाइल नंबर तक बदल लिए हैं। वहीं कई अंडरग्राउंड हो गए हैं। कई डेरा समर्थक ऐसे हैं, जिन्होंने फोन रखने ही बंद कर दिए हैं।
श्रीगंगानगर के कई डेरा समर्थक ऐसे भी हैं, जो पंचकूला गए थे। लेकिन अब तक लौटकर नहीं आए और न ही उनके बारे में किसी को खोजखबर है। बताया जा रहा है कि कुछ लोग तो दंगे भड़काने के आरोप में पंचकूला जेल में भी बंद हैं।वहीं, बुधवार को हनुमानगढ़ में एक डेरा अनुयायी की कार सिरसा पुलिस के ले जाने के बाद से कई और डेरा समर्थकों के पुलिस जांच के दायरे में आने की आशंका है।
गुरुसर मोडिया में पंचकूला के एएसपी मुकेश मल्होत्रा की अगुआई में छापेमारी हुई। डेरामुखी के घर, डेरा, गर्ल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल, बॉयज स्कूल, गर्ल्स कॉलेज और जनरल हॉस्पिटल की तलाशी ली। गुरुवार पौने पांच बजे यह टीम लौट गई।मल्होत्रा ने बताया कि वे हनीप्रीत की तलाश में यहां आए थे। पंचकूला पुलिस के साथ यहां पहले से तैनात सूरतगढ़ और गोलूवाला पुलिस के जवान भी मौजूद रहे।
मल्होत्रा के मुताबिक हनीप्रीत के गुरुसर मोडिया छुपने की सूचना मिली थी। हमने उसे यहां सर्च किया, पर वह यहां मिली नहीं। हमने गर्ल्स हॉस्टल, डेरे और घर सब जगह तलाश लिया, लेकिन वो यहां नहीं है। परिवार वालों से भी पूछताछ चल रही है। टीम बाबा के खिलाफ सबूत भी जुटाने आई थी।
राम रहीम को 20 साल की सजा होने के बाद डेरा में चल रहा लगभग 800 करोड़ का कारोबार बंद है। राम रहीम की 1100 करोड़ की जायदाद और 90 बैंक अकाउंट्स अटैच किए जा चुके हैं। इन बैंक खातों में 75 करोड़ रुपए जमा बताए गए हैं। वहीं, हनीप्रीत के सभी बैंक खाते सीज कर दिए हैं, लेकिन उसका एचडीएफसी खाता अभी खुला है, ताकि कोई ट्रांजेक्शन हो और उससे कोई सुराग मिल सके।
डीसी प्रभजोत सिंह ने पूरा ब्योरा देने से मना करते हुए कहा कि मामला कोर्ट में है। कोर्ट कमिश्नर के जरिए सारी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जानी है। उनमें से कुछ खाते डेरे के नाम से तो कुछ डेरा प्रमुख राम रहीम के निजी नाम से चल रहे थे। कुछ खाते हनीप्रीत और डेरा की चेयरपर्सन विपासना इंसां के नाम होने की भी खबरें हैं।वहीं, डेरा की 14 कंपनियां बंद होने से उनमें कार्यरत 8 हजार से ज्यादा डेरा समर्थक बेराेजगार हो गए हैं। डेरा प्रेमी का ठप्पा लगा होने से कोई उन्हें काम देने को तैयार नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, सिरसा में डेरा की जमीन कुल 953 एकड़ है और उसमें से 91 एकड़ में डेरा सच्चा सौदा की 14 कंपनियां, 8 स्कूल-कॉलेज, फाइव स्टार होटल रिसॉर्ट, कशिश रेस्टोरेंट, पुराने डेरे के सामने एसी सुपर मार्केट की 52 दुकानों के अलावा राम रहीम की आलीशान गुफा, उसके परिवार को आलीशान मकान, अनाथ लड़कों-लड़कियों के लिए अनाथ आश्रम, प्रशासनिक ब्लॉक, माही सिनेमा और शाह सतनाम सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के अलावा शाह सतनामपुरा में डेरा समर्थकों के रहने के लिए आवासीय कॉलोनी भी बनाई हुई है।डेरा की 90 बैंक अकाउंट्स में करीब 75 करोड़ रुपए जमा होने की बात सामने आई है।