एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की

 एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नौंवे दिन सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला कर लिया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने पुनर्विचार याचिका के लिए शनिवार को फाइल कानून मंत्रालय को भेजी थी। कानून मंत्रालय ने इस पर सहमति दे दी।

इस मामले में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसमें रामविलास पासवान, अर्जुनराम मेघवाल, अजय टम्टा समेत कई भाजपा नेता शामिल थे।

 बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अपने फैसले में एससी-एसटी एक्ट के गलत इस्तेमाल की बात कहते हुए ऐसे मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इसमें भी रिव्यू पिटिशन लगाने की मांग की गई।

इनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।एनडीए में मंत्री रामविलास पासवान ने भी कहा था कि इस फैसले से दलित समुदाय में नाराजगी है और सरकार को फौरन पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए।वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने ठीक तरीके से पैरवी नहीं की, इसलिए फैसला एससी-एसटी के खिलाफ चला गया।

जालंधर के एससी-एसटी एक्ट मामले में संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने 2 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है।समिति के प्रधान कुलवंत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार साजिश के तहत संविधान की धाराओं से छेड़छाड़ कर रही है। इससे डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर बनी दलित सभाओं में गुस्सा है।

अगर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला वापस नहीं लिया, तो 2 अप्रैल को भारत बंद कर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।समता आंदोलन समिति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने साफ किया कि एससी/एसटी में क्रीमी लेयर का तरीका लागू नहीं हो सकता। अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

समिति ने मांग की थी कि एससी/एसटी वर्ग में जो लोग आर्थिक तौर पर संपन्न हैं, उन्हें क्रीमी लेयर में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें आरक्षण का फायदा न मिले। अगर आर्थिक तौर पर संपन्न लोगों को आरक्षण से हटा लिया जाता है, तो इसका सीधा फायदा गरीब परिवारों को मिलेगा जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है।

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