एसबीआई में अप्रैल से सितंबर के दौरान धोखाधड़ी के 1,329 मामले सामने आए। इन सभी को मिलाकर कुल 5,555.48 करोड़ रुपए का फ्रॉड हुआ। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ। मध्यप्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने एसबीआई से जानकारी मांगी थी।
अप्रैल से जून से दौरान 669 मामलों में 723.06 करोड़ रुपए का फ्रॉड हुआ। जुलाई से सितंबर के बीच ऐसे 660 मामले सामने आए। इनकी रकम 4,832.42 करोड़ रुपए थी। यानी अप्रैल-जून के मुकाबले जुलाई-सितंबर में फ्रॉड के 9 केस कम हुए, लेकिन फ्रॉड की रकम 568.33% फीसदी बढ़ गई।
आरटीआई एक्टिविस्ट ने एसबीआई से यह जानकारी भी मांगी थी कि धोखाधड़ी के मामलों की वजह से बैंक को कितना नुकसान हुआ, लेकिन बैंक ने कहा कि इसका आकलन नहीं किया जा सकता। एसबीआई के ग्राहकों को हुए नुकसान की जानकारी भी नहीं मिल पाई।
बैंक ने जवाब दिया कि ग्राहकों से हुए फ्रॉड और उनको हुए नुकसान की गणना नहीं की गई। साथ ही कहा कि आरटीआई एक्ट की धारा 7 (9) के तहत इस तरह की जानकारी देने से छूट है।