शराब लाइसेंस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीबी मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े को गिरफ्तारी से 28 फरवरी तक के लिए अंतरिम राहत दे दी। यह मामला वानखेड़े द्वारा शराब लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अपने जन्म के बारे में गलत ब्योरा पेश किए जाने से संबंधित है।
महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को यह नहीं बताया कि वह वानखेड़े के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने जा रही है या नहीं।20 फरवरी को रात करीब 8 बजे ठाणे पुलिस ने कोपरी पुलिस स्टेशन में वानखेड़े के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
ठाणे पुलिस के एक सूत्र ने कहा वानखेड़े सद्गुरु फैमिली रेस्तरां और बार के मालिक हैं, जो वासी में स्थित है। उन्होंने 29 अक्टूबर, 1997 को बार में शराब परोसने का लाइसेंस हासिल किया गया था। वानखेड़े ने कथित तौर पर अपनी जन्मतिथि के बारे में फर्जी जानकारी पेश की थी।
वानखेड़े ने जिस समय शराब लाइसेंस प्राप्त किया गया था, उनकी उम्र 17 साल 11 महीने था, जबकि शराब लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बालिग होना चाहिए।नवंबर में राकांपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर फर्जी दस्तावेज देने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा था कि नवी मुंबई के वासी इलाके में समीर एक रेस्टोरेंट और एक बार चलाते थे, लेकिन उन्होंने झूठी जानकारी देकर शराब परोसने का लाइसेंस हासिल किया था।इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने कहा था कि नवाब मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए, क्योंकि वह वानखेड़े को परेशान कर रहे हैं।जब ठाणे पुलिस ने वानखेड़े के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया, तब बात आगे बढ़ गई।