यूपी में समाजवादी पार्टी का कभी कोई सीएम नहीं बन सकता : मायावती

अखिलेश यादव के प्रधानमंत्री वाले बयान पर बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती ने जोरदार हमला बोला और कहा कि, मैं आगे सीएम व पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर व उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूं।अत: अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है।

मायावती ने ट्वीटर के माध्यम से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर हमला बोला और कहा समाजवादी पार्टी के मुखिया यूपी में मुस्लिम व यादव समाज का पूरा वोट लेकर तथा कई-कई पार्टियों से गठबंधन कर भी जब अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके, तो फिर वो दूसरों का पीएम बनने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं।

उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखाा कि इसके साथ ही, जो पिछले हुए लोकसभा आमचुनाव में, बसपा से गठबंधन करके भी, यहां खुद 5 सीटें ही जीत सके, तो फिर वो बसपा की मुखिया को कैसे पीएम बना पाएंगे। अत: इनको ऐसे बचकाने बयान देना बंद करना चाहिए।

मायावती ने एक बार फिर खुद को राष्ट्रपति पद का दावेदार बताए जाने पर सफाई देते हुए कहा, कि मैं आगे सीएम व पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर व उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूं। अत: अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक इफ्तार पार्टी में गए थे जहां उनसे मायावती के राष्ट्रपति न बनने वाले बयान पर सवाल किया गया। तब अखिलेश ने कहा कि वे भी चाहते थे कि बसपा की मुखिया मायावती प्रधानमंत्री बनें। इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था। मैं खुश हूं, मैं भी यही चाहता था।

पिछले चुनाव में इसी को लेकर गठबंधन किया गया था। अगर गठबंधन जारी रहता तो बसपा और डॉ. भीम राव अंबेडकर के अनुयायी देख सकते थे कि कौन प्रधानमंत्री बनता।इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने भी सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोला था।

मायावती ने कहा कि मैं फिर से सीएम बनने, आगे चलकर पीएम बनने का सपना तो देख सकती हूं, लेकिन देश का राष्ट्रपति बनने का सपना कभी नहीं देख सकती। सपा मुखिया यह अफवाह फैलाना बंद करें। चुनावों में मात खाए अखिलेश विदेश भागने की फिराक में हैं।

वहां पहले ही उन्होंने अपना बंदोबस्त कर लिया है।मायावती ने बयान जारी कर कहा कि यूपी में भाजपा की सत्ता वापसी के लिए सपा जिम्मेदार है। सपा और भाजपा ने मिलकर पूरे चुनाव को हिंदू-मुस्लिम रंग दे दिया और भाजपा सत्ता में आ गई।

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