सहारा इंडिया परिवार के कार्यकर्ताओं ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड के विरोध में धरना दिया और रैली निकालकर विरोध जताया।बाद में सेबी से 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने की मांग को लेकर सेबी के कार्यालय जाकर ज्ञापन सौंपा गया। यह आंदोलन सेबी में जमा सहारा इंडिया के 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने की मांग को लेकर पूरे देश में किया जा रहा है।
पटना में पूरे बिहार से सहारा इंडिया परिवार के कार्यकर्ताओं और जमाकर्ताओं ने गर्दनीबाग में एकत्र होकर सेबी के विरोध में प्रदर्शन कर धरना दिया। सेवी के विरोध में उतरे कार्यकर्ताओं एवं सम्मानित जमाकर्ताओं ने कहा कि वे सहारा इंडिया परिवार से किसी न किसी योजनाओं के माध्यम से जुड़े हुए हैं और विगत 25-30 वर्षो से सहारा इंडिया से आय प्राप्त करते रहे हैं।
विगत 8 वर्ष पूर्व हुए सहारा-सेबी विवाद के कारण माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पूरे सहारा समूह पर लगाए गए एम्बार्गो की वजह से सहारा में भुगतान में विलम्ब की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लिहाजा निवेश भी बंद है। भुगतान विलम्बित है। इससे हमारी आय लगभग नगण्य हो चली है।
प्रदर्शन में मौजूद सभी कार्यकर्ता व जमाकर्ता सेबी के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर आये थे। इस मौके पर वक्ताओं ने सेबी पर हठधर्मिता का आरोप लगाया और इस बात पर आक्रोश व्यक्त किया कि सेवी सहारा के सम्मानित जमाकर्ताओं की गाढ़ी कमाई को दबाकर बैठा है।सेबी द्वारा विगत 8 वर्षो में मात्र 125 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया जा सका है।
अखबारों में विज्ञापन निकालने के बाद सेबी के पास 19598 निवेशक भुगतान के लिए गये, जिनमें से 16633 आवेदनकर्ताओं को ही भुगतान किया गया। इससे साफ है कि सेबी के पास सारे निवेशक नहीं गये। इसकी वजह यह थी कि उनके द्वारा भुगतान पहले ही प्राप्त कर लिया गया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं व जमाकर्ताओं ने रैली निकाली।
यह कार्यक्रम पूरी तरह अनुशासन के साथ आयोजित किया गया। करीब पांच घंटे से ज्यादा चले विरोध-प्रदर्शन व धरने में हजारों की तादाद में लोग जमा थे। इसकी समाप्ति के बाद सहारा इंडिया परिवार की ओर से एक डेलीगेशन ने राजधानी पटना स्थित सेबी के कार्यालय पहुंचकर सेवी के उप महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि सेबी की हठधर्मिता के कारण हम लाखों कार्यकर्ताओं व सम्मानित जमाकर्ताओं का जीवन अंधकार की ओर जा रहा है।अब जबकि सेबी के पास वर्तमान में किसी जमाकर्ता का भुगतान लम्बित नहीं है, तो सेबी से मांग की गई है कि वह माननीय उच्चतम न्यायालय में यह हलफनामा दे दे कि अब उससे भुगतान प्राप्त करने वाले जमाकर्ता/निवेशक नहीं बचे हैं।
तो सम्भवत: माननीय उच्चतम न्यायालय सहारा समूह की कम्पनियों से एम्बागरे हटा ले और सहारा-सेबी एकाउंट में ब्याज सहित जमा लगभग 24000 करोड़ रुपए की धनराशि सहारा को वापस मिल जाये, ताकि हम सभी पूर्व की भांति अपने सम्मानित निवेशकों एवं जमाकर्ताओं का भुगतान नियमित कर लें और सहारा इंडिया के कार्यकर्ताओं व सम्मानित जमाकर्ताओं को न्याय मिल सके।