आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उनसे कहा कि वह भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के दूत नहीं हैं और उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से संपर्क करना चाहिए।आज एक अन्य कार्यक्रम में करीब 2000 युवा दंपतियों को संबोधित करते हुए भागवत ने उनसे पारिवारिक मूल्यों के लिए काम करने तथा बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करने की अपील की।
घटती हिंदू जनसंख्या के मुद्दे पर उन्होंने कहा,कौन सा कानून कहता है कि हिंदुओं की जनसंख्या नहीं बढ़नी चाहिए। जब अन्यों की जनसंख्या बढ़ रही है तो उन्हें कौन रोक रह है। मुद्दा हमारी व्यवस्था से जुड़ा नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सामाजिक माहौल ऐसा है।’ भागवत ने अपने चार दिवसीय प्रवास के तहत आगरा कॉलेज में युवा दंपतियों को संबोधित किया।
उनका विभिन्न सामाजिक वर्गों एवं पेशेवरों के समूहों के साथ संवाद का कार्यक्रम है।अपनी यात्रा के पहले दिन शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख ने विश्वविद्यालयी एवं महाविद्यालयी शिक्षक सम्मेलन में हिस्सा लिया जहां उत्तर प्रदेश के 11 जिलों के शिक्षक पहुंचे थे।
भावगत से शिक्षकों से बदलाव का वाहक बनने और विद्यार्थियों में राष्ट्रीय भावनाएं मजबूत करने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि वह शिक्षा के क्षेत्र की समस्याओं से अवगत हैं लेकिन राजग सरकार के प्रतिनिधि नहीं हैं।भागवत के कार्यक्रम में श्रोताओं में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अकादमिक विद्वान और आगरा एवं आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल थे।
शिक्षकों ने ढेरों शिकायतें रखीं लेकिन भागवत ने कहा कि आरएसएस एक स्वतंत्र संगठन है और उन्हें अपना मुद्दा सरकार के सामने रखना होगा।उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि आप सभी सोच रहे होंगे कि मैं सरकार का दूत हूं लेकिन यह सच नहीं है। मैं पेंशन, कार्यस्थल पर उत्पीड़न एवं अन्य मुद्दों के संबंध में आपकी मदद नहीं कर पाऊंगा।