CBI कारोबारी विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित घर पर 20 घंटे से ज्यादा समय से डेरा जमाए हुए है. सोमवार तड़के कोठारी के कानपुर स्थित आवास संतुष्टि में जांच के लिए पहुंची सीबीआई की टीम मंगलवार तक मौजूद है. सीबीआई की टीम पूरे घर को अपने कब्जे में लेकर तलाशी और परिवार वालों से पूछताछ में जुटी है.
कारोबारी विक्रम कोठारी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के विस्तार के लिए सात अलग-अलग बैंकों से कर्ज लिया था. आरोप है कि विक्रम कोठारी ने बैंक कर्ज में 3695 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है.इस बैंकिंग घोटाले का पर्दाफाश ऐसे समय हुआ है जब कारोबारी नीरव मोदी तथा उनके मामा मेहुल चोकसी से जुड़ी, पंजाब नेशनल बैंक की 11384 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का पता चला है.
अधिकारियों ने कहा कि रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को 2008 से बैंक आफ इंडिया के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने 2919 करोड़ रुपये का बैंक रिण दिया था लेकिन भुगतान में बार बार चूक के कारण ब्याज मिलाकर यह राशि बढ़ कर 3695 करोड़ रुपये हो गई. बैंक आफ बडौदा का आरोप है कि कंपनी को 2008 से कर्ज दिया जा रहा था.
अधिकारियों ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से दी गई शिकायत पर कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी तथा बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने कानपुर में कोठारी के घर और दफ्तरों सहित तीन स्थानों पर छापेमारी की.
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि छापेमारी कर रही सीबीआई ने कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे से पूछताछ की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आरोपियों के एक आवासीय अपार्टमेंट और कार्यालय परिसर को सील किया गया है. आरोप है कि कर्ज मिलने के बाद धनराशि उसके बताए गए उददेश्य से अलग रखकर, इसका गबन किया गया.