बिहार के आदित्य सचदेवा हत्याकांड में एडीजे कोर्ट ने जेडीयू की एमलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी समेत 3 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। बिंदी यादव को 5 साल की कैद हुई है। यह घटना 5 मई 2016 की है। आदित्य ने रॉकी की गाड़ी को साइड नहीं दिया था, इसलिए उसे गोली मार दी गई थी। कोर्ट ने 31 अगस्त को इस मामले में राकेश रंजन उर्फ रॉकी, मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार और रॉकी के चचेरे भाई राजीव कुमार टेनी यादव को हत्या का दोषी करार दिया है।
कोर्ट ने रॉकी यादव पर 1 लाख रुपए और टेनी- राजेश पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। बचाव पक्ष के वकील ने बिंदी यादव की जमानत की अर्जी दी है।आदित्य की मां चंदा सचदेवा ने कहा था कि मैं नहीं चाहती की मेरे बेटे के हत्यारों को फांसी की सजा मिले। किसी के फांसी पर चढ़ जाने से मेरा बेटा तो वापस नहीं आएगा। मैं एक मां हूं और रॉकी की मां का दर्द भी समझ सकती हूं। वह भले जेल में रहे, लेकिन जिंदा तो रहेगा।
एडीजे-वन सच्चिदानंद सिंह ने इस मामले में राकेश रंजन उर्फ रॉकी, मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार और रॉकी के चचेरे भाई राजीव कुमार टेनी यादव को हत्या का दोषी करार दिया है। इसके अलावा रॉकी के पिता बिन्देश्वर प्रसाद उर्फ बिंदी यादव को अपराधियों को संरक्षण देने और गलत सूचना देने का दोषी पाया गया।बिंदी यादव को अगर तीन साल तक सजा मिलती है तो जमानत भी मिल सकती है।
7 मई 2016 को बोधगया से गया लौटते वक्त रोडरेज के दौरान आदित्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आदित्य के साथ उसके चार दोस्त भी कार में थे।मर्डर का आरोप जेडीयू की एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी और मनोरमा के बॉडीगार्ड पर लगा था।इस घटना के बाद जेडीयू ने मनोरमा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था।
गवाहों के मुताबिक, आदित्य ने रॉकी की लैंड रोवर गाड़ी को साइड नहीं दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि आगे ट्रैफिक बहुत ज्यादा था।गुस्से में रॉकी ने आदित्य की गाड़ी को ओवरटेक किया। दोनों के बीच बहस और मारपीट हुई। इसके बाद कथित तौर पर रॉकी ने आदित्य को गोली मार दी। गोली आदित्य के सिर में लगी थी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
आदित्य के साथ गाड़ी में सवार उसके चारों दोस्तों ने कोर्ट में गवाही के दौरान आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया था।आदित्य की मां चंदा सचदेवा को घटना के चश्मदीदों के गवाही में मुकर जाने का मलाल है। उन्होंने कहा- दोस्तों के साथ क्या मजबूरी थी,
कानून सब समझता है। हमें इंसाफ की पूरी उम्मीद है।
रॉकी पॉलिटिकल बैकग्राउंड से है। मां मनोरमा देवी JDU की पूर्व MLC हैं। पिता बिन्देश्वरी प्रसाद उर्फ बिंदी यादव गया जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं।आदित्य शहर के हार्डवेयर बिजनेसमैन श्याम सचदेव का बेटा था। वह 12th का एग्जाम दे चुका था।इस केस का ट्रायल पहले एडीजे-9 सुरेश प्रसाद मिश्रा की अदालत में शुरू हुआ, लेकिन बाद में इसे एडीजे-वन सच्चिदानंद सिंह की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया।
आदित्य के घरवाले, पुलिस ऑफिशियल्स, एफएसएल ऑफिशियल्स, बैलिस्टिक एक्सपर्ट समेत कुल 30 लोगों ने गवाही दी।बैलिस्टिक एक्सपर्ट और एफएसएल टीम की गवाही को अहम माना गया। टीम ने कहा है कि रॉकी के पास मौजूद पिस्टल की गोली से ही आदित्य की जान गई।एमएलसी मनोरमा देवी के परिवार की मुश्किलें अभी और बढ़ सकती हैं। दरअसल, उनके घर में मिलीं शराब की बोतलों के मामले में भी कोर्ट का फैसला इसी महीने आ सकता है।
बता दें कि पुलिस जब रॉकी को गिरफ्तार करने पहुंची थी तब मनोरमा देवी के घर में कई बोतल अवैध शराब मिली थी।इस मामले में रॉकी और बिंदी यादव को अाराेपी बनाया गया था। बाद में मनोरमा देवी को भी आरोपी बनाकर जेल भेजा गया था।इसके अलावा बिंदी यादव पर बोध गया थाना कांड और दोशद्रोह मामले में भी ट्रायल शुरू हो सकता है। सरकार इसकी मंजूरी दे चुकी है। चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है।