राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों ने दो दिन से चल रही अपनी हड़ताल देर रात समाप्त कर दी.हड़तालरत डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली सरकार ने अपने द्वारा संचालित अस्पतालों में सामान्य कामकाज के लिए एस्मा लागू किया था.दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि रेजीडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है और सरकार को इस बारे में सूचित कर दिया है.जैन ने ट्वीट किया ‘‘रेजीडेंट डॉक्टरों ने हडताल समाप्त कर दी.इससे पहले सरकार ने सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों की हड़ताल को खत्म करवाने के उद्देश्य से इसपर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया था. डाक्टरों की हड़ताल का मंगलवार को दूसरा दिन था, जिससे राष्ट्रीय राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गईं.
सरकारी अस्पतालों के डाक्टर कार्य स्थल पर सुरक्षा की कमी, जीवन रक्षक दवाओं का अभाव तथा समय पर वेतन भुगतान न होने की शिकायत के साथ कल अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे.मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल कहा था कि सरकार ने डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं इसलिए हड़ताल की कोई जरूरत नहीं है.इससे पहले, जैन ने कहा था कि दोनो पक्षों के बीच हुई बातचीत के दौरान सरकार ने हड़ताली डाक्टरों द्वारा रखी गई 19 मांगों को मंजूर कर लिया.जैन ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान उन्होंने पांच और मांगे रखीं, जिन्हें भी मान लिया गया और (हमने) बैठक का ब्यौरा भी वितरित किया है.’’
डाक्टरों की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बड़ी चिंता सुरक्षा को लेकर है और वह सरकारी अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा दिए जाने की मांग के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल से मिले हैं.जैन ने कहा, ‘‘सुरक्षा एक बड़ी चिंता है, इसलिए मैं सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा इंतजामात की मांग के साथ उपराज्यपाल से मिला. उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है.’’उन्होंने कहा कि वह इस संदर्भ में तीन महीने बाद डाक्टरों के साथ स्थिति की समीक्षा करेंगे.जैन ने कहा, ‘‘कुछ मांगें जैसे अस्पताल के बिस्तर बढ़ाना, तीन महीने में पूरी नहीं हो सकती. हम अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाने और नये अस्पताल बनाने पर काम कर रहे हैं, जिसमें कुछ वक्त लगेगा.’’
जैन ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने के लिए कहा है.उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर दवाएं उपलब्ध हैं और 15 अगस्त तक शत प्रतिशत दवाएं उपलब्ध होंगी.’’स्वास्थ्य विभाग ने हड़तालरत रेजिडेंट डाक्टरों की 19 मांगें सोमवार को ही मान ली थीं और उन्हें मंगलवार की सुबह 11 बजे तक काम पर लौट आने का आदेश दिया था.हालांकि डाक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी और ठोस उपायों की मांग करते रहे. उनका दावा है कि सरकार पहले भी इस तरह के वादे कर चुकी है, लेकिन वह पूरे नहीं हुए.सरकारी अस्पतालों के डाक्टर कार्य स्थल पर सुरक्षा की कमी, जीवन रक्षक दवाओं का अभाव तथा समय पर वेतन भुगतान न होने की शिकायत के साथ कल अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए थे.