आरक्षण आंदोलन के बाद दिल्ली-हिसार रेल मार्ग से हटी नाकेबंदी

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दिल्ली-हिसार रेल मार्ग साफ करते हुए जिले के मय्यड़ में रेल पटरी से नाकाबंदी हटा दी। गौर हो कि जाट प्रदर्शनकारियों के धरने पर बैठने के कारण रेल मार्ग 11 फरवरी को बंद कर दिया गया था। रेल अधिकारियों द्वारा मार्ग की जांच किए जाने के बाद यातायात बहाल किए जाने की उम्मीद है। हिसार के उपायुक्त चंद्रशेखर खरे ने कहा कि प्रदर्शनकारी घटनास्थल से चले गए हैं। उधर, जाट आंदोलन को लेकर रोहतक पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह कोई छोटी-मोटी घटना नहीं है।

इस घटना के पीछे कुछ ताकतें और साजिश है, उसकी जांच होगी। सीएम खट्टर जब भाषण दे रहे थे तो लोगों ने उनका विरोध किया, जिसके चलते उन्हें बीच में ही भाषण छोड़ना पड़ा। खट्टर ने कहा कि जाट आंदोलन के दौरान निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि स्थिति से निपटने में किसी भी खामी के लिए जिम्मेदार जिला और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गौर हो कि उधर, हरियाणा में जाटों का हिंसक आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। आरक्षण की मांग माने जाने के बावजूद कई जगहों पर आंदोलनकारियों का उपद्रव जारी है। कई जगहों पर उपद्रवी डटे हुए हैं। अब तक की हिंसा में 19 लोगों की मौत हो चुकी हैं। अब तक हजारों करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। हालांकि आज सुबह कुछ राहत भरी खबरें आई हैं। एनएच-1 और एनएच-10 को खाली करा लिया गया है। दिल्ली-रेवाड़ी-जयपुर रेल ट्रैक को भी खाली करा लिया गया है।

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता राम भगत मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि जाट आरक्षण मामले पर केंद्र द्वारा उठाए गए कदम के मद्देनजर पटरी खाली कर दी है। दिल्ली और रोहतक, चंडीगढ़ एवं भिवानी समेत अन्य स्थानों तक बस सेवा अभी बहाल की जानी है क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग में पेड़ों समेत कई अवरोधक हैं जिन्हें अभी हटाया जाना है।

जाटों और गैर जाटों के बीच सोमवार को हुए टकराव के मद्देनजर जिले के पांच गांवों में कर्फ्यू  जारी है। जिले के हांसी अनुमंडल के पांच गांवों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। सेना और पुलिस प्रभावित गांवों में गश्त कर रहे हैं। रोहतक और सोनीपत जैसे जाट बहुल इलाकों के कुछ हिस्सों में हालात आज भी तनावपूर्ण बने हुए हैं जबकि जींद जिले में कर्फ्यू हटा लिया गया है। इस बीच सुरक्षा बलों ने विभिन्न राज्य राजमार्गों पर प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी हटाने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

खट्टर हालात का जायजा लेने के लिए आज हिंसा प्रभावित रोहतक जिले के दौरे पर आए थे। एक घंटे की राहत को छोड़कर रोहतक में आज भी कर्फ्यू लगा हुआ है। रोहतक हरियाणा में आरक्षण की मांग के लिए हो रहे आंदोलन का केंद्र है और यहां इस आंदोलन के कारण जान-माल का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। रोहतक पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पिछले 24 घंटों में जिले में किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि हालात पूरी तरह सामान्य हो जाने तक जाट बहुल जिले में कर्फ्यू लगा रहेगा।

उन्होंने कहा कि हम हालात के अनुसार कर्फ्यू में एक घंटे तक की ढील दे रहे है ताकि लोग आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें। जिला प्रशासन ने एक अन्य जाट बहुल इलाके जींद से कफ्र्यू हटा लिया हैं। जींद के उपायुक्त विनय सिंह ने फोन पर बताया, हमने कर्फ्यू हटा लिया है। जींद जिले में हालात करीब 80 प्रतिशत सामान्य हो गए हैं लेकिन हम स्थिति पर नजर रखे हुए है। प्रदर्शन के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। दिल्ली-अम्बाला और दिल्ली-हिसार-फाजिल्का राष्ट्रीय राजमार्गो समेत अहम मार्गों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित हो गया है। सुरक्षा बल राजमार्गों से प्रदर्शनकारियों की नाकाबंदी हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

जाट समुदाय की आरक्षण की मांग पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने की भाजपा की घोषणा के बाद हालात सामान्य होने लगे थे लेकिन सोनीपत, कैथल और हिसार में कल आगजनी की छिटपुट घटनाओं की सूचनाओं ने इस प्रक्रिया को पटरी से उतार दिया। सोनीपत में भीड़ ने उन सुरक्षा कर्मियों पर पथराव किया जो सड़क पर खड़े किए गए अवरोधक को हटाने की कोशिश कर रहे थे। इससे दोनों पक्षों के बीच शुरू हुए संघर्ष में तीन लोग मारे गए जिससे आंदोलन में मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 19 हो गई।

हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद रोहतक, भिवानी, झज्जर, जींद, हिसार, हांसी, सोनीपत, कैथल और सोनीपत के गोहाना कस्बे में कफ्र्यू लगाया गया था। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर गौर करने के लिए केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में एक समिति गठित करने की भाजपा की घोषणा के मद्देनजर राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर से सोमवार को धरना हटाने की घोषणा की थी। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ने कहा है कि जाट आंदोलन के कारण 34,000 करोड़ रपये का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है।

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