आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और मोदी सरकार के बीच लम्बे वक्त से तनातनी चल रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज देने को तैयार है, लेकिन विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।
इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि हम गुस्सा नहीं हैं। हम सिर्फ अपने हक की बात कर रहे हैं। सरकार अपनी सोच साफ करे। उधर, टीडीपी सांसद टीजी वेंकटेश ने कहा कि एनडीए से अलग होने के बारे में आखिरी फैसला पार्टी चीफ चंद्रबाबू नायडू को लेना है और अभी सभी ऑप्शन खुले हैं।ऐसा चर्चा है कि मांग पूरी न होने पर टीडीपी एनडीए से गठबंधन तोड़ सकती है।
अरुण जेटली ने कहा- केंद्र सरकार डीटीपी की मांग से सहमत नहीं है। हालांकि, पहले से घोषित स्पेशल पैकेज के बराबर रकम मुहैया कराने के लिए तैयार है। इसके लिए हम कमिटेड हैं। चौदहवें वित्त आयोग के तहत किसी को भी विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। आयोग की रिपोर्ट के बाद यह बदलाव आया है कि हम इसे औपचारिक रूप से विशेष दर्जा कहने के स्थान पर विशेष पैकेज कह रहे हैं।
उन्होंने कहा- राजनीतिक फायदा वाली सोच से फैसला नहीं किया जा सकता। केन्द्र सरकार लगातार कहती आई है कि हम एडिशनल मदद देने के लिए तैयार हैं। विशेष दर्जा वास्तव में पूर्वोत्तर के उन राज्यों को मिलता है, जिनके स्वयं के संसाधन नहीं हैं।आंध्र प्रदेश विधानसभा में बुधवार को चंद्रबाबू नायडू ने कहा आप हमें स्पेशल स्टेट का दर्जा क्यों नहीं दे रहे हैं, यह हमारा हक है।
जनता की भावनाओं की कद्र करें। केंद्र अपनी स्थिति साफ करे। हम गुस्सा नहीं हैं। हम सिर्फ अपने हक की बात कर रहे हैं। विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर मैं 29 बार दिल्ली जा चुका हूं।बता दें कि आम बजट में आंध्रपदेश के लिए कोई स्पेशल पैकेज का एलान नहीं किए जाने के बाद से चंद्रबाबू नायडू सहित कई मंत्री केन्द्र सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।