गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सजा होने के बाद 10 दिन के अंदर ही डेरे का करीब 800 करोड़ का कारोबार बंद हो गया है। सिरसा डेरे की 14 कंपनियां, 8 स्कूल-कॉलेज, फाइव स्टार होटल एमएसजी रिजॉर्ट, कशिश रेस्टोरेंट, पुराने डेरे के सामने एसी सुपर मार्केट की 52 दुकानों पर ताले लगे हैं। कई बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं।
कारोबार से जुड़े करीब आठ हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं और डर के मारे सिरसा छोड़ गए हैं। साथ ही देशभर में 400 के करीब डीलर्स ने एमएसजी स्टोर्स बंद कर दिए हैं।2008 से गुरमीत ने अब तक 14 कंपनियां लॉन्च की थीं। इनमें से 9 तो सिर्फ 4 साल में बनाईं।यही वजह थी कि बाबा का टारगेट 5 साल में बिजनेस को 5000 करोड़ तक ले जाना था।
हर मीटिंग में गुरमीत इस टारगेट की बात करता था। अब डेरे के तमाम प्रॉपर्टी अटैच करने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।दंगों से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी हरियाणा-पंजाब सरकारें भी डिटेल जुटा रही हैं।वहीं, एमएसजी आॅल ट्रेडिंग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मार्च 2016 से देश-विदेश में डेरे के 600 से ज्यादा नाम चर्चा घरों और 400 डीलर्स के जरिए 151 प्रोडक्ट्स में एमएसजी शैम्पू, हेयर ऑयल, चाय, चावल, दालें, बिस्किट, आचार और मिनरल वाॅटर बेचती रही है। अब कैनेडा, इंग्लैंड, जर्मनी और आॅस्ट्रेलिया में ऑनलाइन बिक्री भी ठप है।
6 करोड़ भक्तों का ऐसा साम्राज्य, जिसे न सिर्फ वोट बैंक, बल्कि बड़े बाजार जैसा भी इस्तेमाल किया।रामदेव जैसा कारोबारी बनने का सपना देख रहे राम रहीम को इससे पहले ही जेल हो गई।1990 में डेरे की गद्दी संभालने के बाद 2008 में 5 कराेड़ से पहली कंपनी शुरू करने वाले गुरमीत ने 9 साल में 14 कंपनियां खड़ी कर दीं।
फिल्म प्रोडक्शन से लेकर रिटेलिंग, मेन्युफैक्चरिंग, सॉफ्टवेयर, कम्यूनिकेशंस, रियल इस्टेट, मीडिया-ब्रॉडकास्टिंग, टूर -ट्रैवल एंड हॉस्पीटैलिटी सेक्टर की 14 कंपनियों का 2015-16 में कारोबार 776.39 करोड़ रहा है।रामदेव का कारोबार बढ़ता देख गुरमीत ने 2016 में एमएसजी स्टोर लॉन्च किया और ब्रांड एंबेसडर बना।
पॉश रियल इस्टेट कंपनी में वह खुद डायरेक्टर था, जबकि बाकी 13 कंपनियों में अपने खास चेलों को डायरेक्टर बनाया।इनमें राकेश कुमार 8, गुलाबुमल 6 और बागढ़ सिंह 4 कंपनियों में डायरेक्टर हैं।14 में से 12 कंपनियां दिल्ली के रघुवरपुरा शाहदरा और पश्चिम विहार के एड्रेस पर रजिस्टर्ड हैं।
करोड़ों के कारोबार के पीछे 5 लोगों का दिमाग है।पेशे से सीए गुड़गांव के छिंदरपाल अरोड़ा (14 कंपनियों में से 3 में डायरेक्टर), एम्स का आई सर्जन आदित्य इंसा, गुलाबुमल (शाह मस्ताना रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेंशन का वीसी रहा है), राकेश कुमार (शाह मस्ताना स्कूल मेंं क्लर्क था) और विपासना इंसा (चेयरपर्सन डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट कमेटी)।
देशभर में डेरे के सत्संग के दौरान लगने वाले स्टॉल पर िसर्फ डेरे के ही गारमेंट्स, हैंडलूम बेचे गए।जिनसे इन्हें मनचाहा मुनाफा हुआ। कंपनी ने बाॅलीवुड के फैशन डिजाइनर्स भी रखे थे, जो राम रहीम और हनीप्रीत के लिए डिजाइनर्स कपड़े तैयार करते रहे।पारस पत्थर-लोहे को छू ले तो साेना हो जाए, राम रहीम के प्रति इसी सोच के साथ कौड़ियों के माल को बाबा के हाथों बना मानकर डेरा प्रेमियों ने मुंहमांगी कीमत चुकाई।
बाबा के हाथों से तैयार आचार बताकर एक लाख रुपए किलो तक बेचा गया।दशमेश गुरु गोबिंद सिंह जी जैसी वेशभूषा से विवाद में रहे राम रहीम ने गारमेंट कंपनी का नाम भी दशमेश फैशन्स रखा।डेरा कमेटी की चेयरपर्सन विपासना इंसा का कहना है 10 दिनों से सिरसा में डेरा के बिजनेस ऑपरेशंस बंद हैं। डेरा व इससे जुड़ी कंपनी के बैंकिंग ऑपरेशंस भी हाईकोर्ट के अादेश पर सील होने से फंड ब्लॉक हो गए हैं। हालात सामान्य होने का इंतजार है।
माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट लवप्रीत ने कहा मेरे साथ क्वालिटी लैब में बठिंडा के 20-25 लोग काम करते थे, जिनकी नौकरी चली गई। डेरा में बने प्रोडक्ट्स मार्केट रेट से 25% तक ज्यादा थे, लेकिन फिर भी डेरा प्रेमी इन्हें खरीदते थे।एमएसजी स्टोर, चंडीगढ़ के पूर्व डायरेक्टर विक्की ने कहा शर्त थी कि स्टोर में एमएसजी के अलावा दूसरी कंपनी के प्रोडक्ट्स नहीं बेचेंगे।
नाम चर्चा घरों में ज्यादा बिक्री हाेने से मैंने स्टोर बंद कर दिया।सच्चा सौदा कैंटीन, कैथल के रिसाल सिंह ने बताया, “25 अगस्त की सुबह गुरु जी सिरसा से पंचकूला के जाते हुए करीब 30 मिनट रुके थे। जैसे ही वे पंचकूला कोर्ट के लिए निकले उसके बाद से ही कैथल पुलिस ने कैंटीन और स्टोर बंद करवा दिए।