गुजरात में राज्यसभा की 2 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की। दोनों सीटों पर अलग-अलग हुए मतदान में विदेश मंत्री एस जयशंकर और ओबीसी नेता जुगलजी ठाकोर को जीत मिली।
कांग्रेस की ओर से दो विधायकों अल्पेश ठाकोर और धवलसिंह झाला ने क्रॉस वोटिंग की। हालांकि, मतदान के बाद दोनों ने पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य की दोनों सीटें अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा सांसद बनने से खाली हुई थीं।
कांग्रेस ने चंद्रिका चुडासमा और गौरव पंड्या को उतारा था। उधर, इस्तीफा देने के बाद अल्पेश ने कहा मैं राहुल गांधी पर विश्वास करके कांग्रेस में शामिल हुआ था, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया।
मैंने राष्ट्रीय नेतृत्व को ध्यान में रखते हुए वोट डाला है। कांग्रेस में बार-बार हमारी बेईज्जती की जा रही थी। हम जिस उम्मीद से कांग्रेस में शामिल हुए थे, वहां दुर्भाग्य से हमें कुछ नहीं मिला। इसलिए कांग्रेस विधायक के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया।
राहुल गांधी ने मेरा विश्वास तोड़ा।खरीद-फरोख्त के डर से मतदान से पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को दो दिन के लिए रिसॉर्ट में भेज दिया था। हालांकि, कांग्रेस का कहना था कि यह फैसला किसी दबाव या डर के चलते नहीं लिया गया।
कांग्रेस व्हिप प्रमुख ने कहा था कि पार्टी के एक या दो विधायक भाजपा के पक्ष में वोट कर सकते हैं।182 विधानसभा वाले राज्य में 175 विधायकों ने ही वोटिंग की। चार सीटें खाली हैं, जबकि तीन विधायक किन्हीं कारणों के चलते मतदान नहीं कर पाए।
राज्य में भाजपा के 100 और कांग्रेस के 71 विधायक हैं। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 50% यानी 88 वोट चाहिए थे।लोकसभा और ओडिशा विधानसभा चुनाव और एक सदस्य के इस्तीफे के बाद से राज्यसभा की 6 सीटें खाली हुई थीं।
इनमें ओडिशा की तीन, गुजरात की दो और बिहार की एक सीट थी। ओडिशा में अच्युतानंद समंता के लोकसभा, प्रताप केशरी देव के विधानसभा चुनाव जीतने और सौम्य रंजन पटनायक के राज्यसभा से इस्तीफे के बाद तीन सीटें खाली हुई थीं।
गुजरात में शाह के गांधीनगर और ईरानी के अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद 2 सीटें खाली हुईं। जबकि बिहार में रविशंकर प्रसाद के चुनाव जीतने के बाद से राज्यसभा की एक सीट खाली हुई।
बिहार से केन्द्रीय मंत्री और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान, ओडिशा से बीजद के अमर पटनायक, सस्मित पात्रा और भाजपा के अश्विनी बैष्णव निर्विरोध चुने गए। अश्विनी को बीजद ने भी समर्थन दिया।