माना जा रहा है कि गुर्जर आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार आज विधानसभा में बड़ा ऐलान कर सकती है। इस दिन 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण के साथ 5 प्रतिशत गुर्जर आरक्षण देने का संकल्प पत्र पारित किया जा सकता है। इस मसौदे को लेकर आईएएस नीरज के. पवन ने सवाईमाधोपुर में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से मिले।
इस पर देर रात तक मंथन किया गया।सवर्ण आरक्षण का कानून केंद्र सरकार पहले ही पारित कर चुकी है लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे अब तक यहां लागू नहीं किया है। सरकार सवर्णों के साथ गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र के पाले में गेंद डाल सकती है।
प्रदेश में 5 प्रतिशत गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर पिछले पांच दिन से आंदोलनरत गुर्जरों से बातचीत के लिए सरकार ने तीन मंत्रियों की कमेटी भी बनाई हुई है, लेकिन आंदोलनकारी आरक्षण के नोटिफिकेशन की मांग पर अड़े हुए हैं।गुर्जर आरक्षण व मसौदे पर चर्चा के लिए मंगलवार को दिन भर सीएमओ में बैठकों का दौर चला।
दोपहर में कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी, मंत्री उदयलाल आंजना के अलावा गुर्जर विधायक जितेंद्र सिंह, अशोक चांदना, शकुंतला रावत, जीआर खटाना शामिल हुए।
इसके बाद शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। इसमें गुर्जर आरक्षण व सवर्ण आरक्षण के मुद्दे को लेकर करीब 2 घंटे तक चर्चा हुई। यूडीएच व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में साफ लिखा है कि कानून बनाकर गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने का काम करेंगे।
धारीवाल ने कहा कि सरकार ने गुर्जर आंदोलनकारियों से अपील की है कि आंदोलन शांतिपूवर्क करें, लेकिन फिर भी तोड़फोड़ हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने गुर्जरों से बातचीत के लिए कमेटी बना रखी है इसके अलावा भी गुर्जर यदि सीएम से भी बातचीत करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।
आंदोलन के कारण दो दिन से चार मार्गों पर रोडवेज की 240 से अधिक बसों का संचालन नहीं हो रहा। इससे करीब 40 लाख रु. का नुकसान हुआ है। बसों का संचालन 60 हजार किमी कम हो गया है। 4 लाख से अधिक लाेग प्रभावित हुए हैं। कोटपूतली से नीमकाथाना, हिंडौन से करौली, सवाईमाधोपुर से धौलपुर व दौसा से आगरा मार्ग पर बसें बंद हैं।
गुर्जर आंदोलन के साइड इफेक्ट टूरिज्म पर दिखने लगे हैं। रणथंभौर नेशनल पार्क पहुंचने के रेल और सड़क मार्ग बाधित होने से टूरिज्म तेजी से गिरा है। दो दिन पहले तक जहां 20-30 फीसदी टूरिस्ट कम हो रहे थे, वहीं मंगलवार को टूरिस्ट की संख्या में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है।
होटलों में बुकिंग रद्द हो रही है तो जिस टाइगर सफारी के लिए टूरिस्ट का जाम रहता था, वह भी कम हो गई है। संबंधित अफसर और गाइड के मुताबिक एक शिफ्ट में औसतन जहां 800 और अधिकतम 1500 के आसपास टूरिस्ट रहते हैं, वो गिरकर 500 के आसपास रह गए हैं। यह गिरावट जारी है।
पर्यटन पंडित अरविंद जैन और गाइड हेमराज ने कहा कि आंदोलन के चलते तेजी से बुकिंग रद्द हो रही है। देशी-विदेशी दोनों पर्यटक रणथंभौर नहीं पहुंच पा रहे, जिसके चलते होटल और जंगल दोनों जगह रहने वाला जाम अब खाली हो चुका है। फील्ड डायरेक्टर मनोज पाराशर ने भी माना कि आंदोलन के चलते रास्ते अवरूद्ध हैं, जिससे सफारी की बुकिंग रद्द हो रही है।
दूसरी ओर जयपुर में फिलहाल आंदोलन का असर नहीं है, लेकिन जानकारों के मुताबिक आंदोलन जारी रहता है तो निश्चित ही तेजी से असर पड़ेगा। वरिष्ठ गाइड बृजराज सिंह के मुताबिक अभी तक देश में आ चुके विदेशी पर्यटक या प्रदेश आ चुके लोग ही यहां घूम रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर आंदोलन की खबरें तेजी से फैल रही है।
अगर आंदोलन जारी रहा तो देशी पर्यटकों के पांव तो रुकेंगे ही कुछ एम्बेसी भी एडवाइजरी जारी कर सकती है।राजस्थान यूनिवर्सिटी ने गुर्जर आंदोलन के चलते बुधवार से शुरू होने वाली मुख्य परीक्षाओं को स्थगित कर दिया। 13, 14, 15, 16 फरवरी की होने वाली सभी विषयों की परीक्षाओं को स्थगित किया गया है।
बीए नॉन कॉलेज की परीक्षाएं शुरू होनी थी। जिसमें 1.40 लाख छात्र- छात्राएं शामिल थे। फिलहाल यूनिवर्सिटी ने अभी आगे की तिथियां घोषित नहीं की है। 18 से होने वाली सभी परीक्षाएं यथावत रहेगी। ये पेपर हुए हैं स्थगित 13 फरवरी से होने वाले बीए नॉन कॉलेज के तीनों सालों के पेपर स्थगित हुए हैं।
इनमें प्रथम वर्ष के इंग्लिश, सोशयोलॉजी-1, हिस्ट्री- 1, द्वितीय वर्ष का हिस्ट्री- 1 और तृतीय वर्ष के पॉलिटिकल साइंस- 1 व ज्योग्राफी- 1 के पेपर होने थे। अब इनकी अगली तिथि घोषित होगी।राज्य मानवाधिकार आयोग ने आंदोलन पर चिंता जताते हुए कहा कि आमजन में भय का माहौल है। सरकार रेल और सड़क मार्ग खुलवाने के लिए उचित कार्रवाई करे।
सरकार बताए कि वर्तमान में आंदोलन में शामिल लोगों पर कितने केस दर्ज हैं। इनमें से कितनों पर दंडात्मक कार्रवाई हुई। यह भी बताए कि वापस लिए गए केस दोबारा शुरू करने के लिए कोई कानून है या नहीं। गुर्जर आंदोलन के तहत 13 साल में 755 केस दर्ज किए गए। इनमें से 233 सरकार ने वापस ले लिए, जबकि 162 में पुलिस ने एफआर लगा दी।
इन प्रकरणों में 8850 लोगों को आरोपी बनाया गया।प्रशासन ने भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा और टोंक में सुरक्षा बढ़ा दी है। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश से अतिरिक्त सुरक्षा बल मंगवाया गया है। आठ जिलों में राजस्थान सशस्त्र बल की 17 कंपनियों की तैनात की गईं। रेलवे स्टेशन और ट्रैक की भी सुरक्षा की जा रही है।