Ab Bolega India!

अब रेल बजट खत्म करने की तैयारी में सरकार

indian-railway-signal-for-b

रेलवे की बेहतरी पर सुझाव देने के लिए बनाए गए एक सरकारी पैनल ने सुझाव दिया है कि प्राइवेट कंपनियों को पैसेंजर ट्रेन्स चलाने की मंजूरी दी जाए। इससे पहले तक रेलवे द्वारा माल ढुलाई के सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों की भूमिका पर चर्चा होती रही है। पैसेंजर ट्रेन्स चलाने में प्राइवेट प्लेयर्स को लाने की ऐसी कोई कोशिश पहली बार हुई है। सुझाव देने वाले पैनल की अगुआई नीति आयोग के सदस्य विवेक देवरॉय कर रहे हैं। यह पैनल शुक्रवार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट मोदी सरकार के सामने रखेगा। सरकार रेलवे सेक्टर को काफी अहमियत दे रही है, ऐसे में उम्मीद है कि वह पैनल के सुझावों पर आगे बढ़ेगी। उधर, एक जुलाई से रेलवे में कई बदलाव करने की तैयारी है।

पैनल ने यह साफ किया है कि वह रेलवे में हिस्सेदारी की बिक्री के संदर्भ में निजीकरण का सुझाव नहीं दे रही। उसका कहना है कि वह प्राइवेट कंपनियों की एंट्री को बढ़ावा देती है, जिस नीति को रेलवे में पहले से मंजूरी मिली हुई है। रेलवे के संगठनात्मक ढांचे पर कमेंट करते हुए सरकारी पैनल ने कहा कि रेलवे के विभिन्न विभाग अलग-अलग काम करते हैं और इससे संगठन का वर्क कल्चर बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पैनल ने अलग से रेलवे बजट लाने की परंपरा को खत्म करने का भी सुझाव दिया है। बहुत सारे अर्थशास्त्री पूर्व में ऐसी मांग कर चुके हैं। उनका मानना है कि यह एक ब्रिटिश औपनिवेशिक परंपरा है, जो आज भी जारी है।

Exit mobile version