मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज विधायकों ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बदनावर सीट से कांग्रेस विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने आरोप लगाया वंशवाद की राजनीति ने उनका हक छीन लिया है। मेरे साथ अन्याय हुआ और मैं इसका जवाब इस्तीफा देकर दूंगा।
मैं भी अगर किसी पूर्व मुख्यमंत्री या बड़े नेता का बेटा या रिश्तेदार होता तो आज मैं भी मंत्री बन जाता। उधर, कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक केपी सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह समेत 10 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। वे राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।
राजवर्धनसिंह ने कहा मुझे मंत्री बनने का शौक नहीं है। किंतु यह मेरा हक था, जिसे मुझे नहीं दिया गया। क्षेत्र की जनता को उम्मीद थी कि मैं इस बार मंत्री बनूंगा। किंतु मेरे साथ पक्षपात किया गया। धार जिले की बदनावर सीट पर राजवर्धनसिंह ने भाजपा के भानवरसिंह शेखावत को 41 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
मंत्री नहीं बनाने से नाराज कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता केपी सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह अपनी बात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने रखने दिल्ली पहुंच गए। कंसाना ने बताया कि उनके साथ 8 से 10 विधायक दिल्ली में हैं।
15 साल भाजपा सरकार ने परेशान किया और हमारी सरकार आ गई तो भी नाइंसाफी हो रही है।पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी गुरुवार शाम को दिल्ली चले गए। केपी, कंसाना और बिसाहू तीनों को दिग्विजय गुट का ही माना जाता है और वे उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में मंत्री रह चुके हैं।
इन्हीं विधायकों के समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए सामूहिक इस्तीफे और दिल्ली में प्रदर्शन की धमकी दी है।सुमावली से ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मदन शर्मा ने कंसाना को मंत्री नहीं बनाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है। मंत्रिमंडल में नहीं लेने से सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग भी मायूस हैं।
शपथ ग्रहण(25 दिसंबर) के तीन दिन बाद भी कांग्रेस सरकार मंत्रियों के विभाग फाइनल नहीं कर पाई है। गुरुवार को कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिधिंया और दिग्विजय सिंह के बीच तीन दौर की बातचीत के बावजूद विभाग बंटवारे पर एक राय नहीं बनी।
गृह, वित्त, स्वास्थ्य और नगरीय प्रशासन समेत कुछ बड़े विभागों पर तीनों नेता असहमत हैं। सबसे ज्यादा पेंच गृह और स्वास्थ्य पर फंसा है। हालांकि अन्य विभागों पर राय बनने के बाद इनकी सूची दिल्ली में पार्टी आलाकमान को भेज दी गई है।इससे पहले दिन में कमलनाथ ने सिधिंया के साथ लंबी चर्चा की। दिग्विजय के साथ भी उनकी दो बार बात हुई।
सीएम जनता से जुड़े प्रमुख विभागों गृह, नगरीय प्रशासन,पीडब्ल्यूडी और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी अपने समर्थकों के पास रखना चाहते हैं, पर इन विभागों में से एक-दो पर दिग्विजय और सिधिंया एकमत नहीं हैं। इसीलिए दिन में चले मंथन के बाद देर रात सूची आते-आते अटक गई।