राहुल गांधी ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव की हार से ज्यादा फायदेमंद कांग्रेस के लिए कुछ नहीं हो सकता। राहुल नेे कहा बीजेपी ने मेरी बहुत मदद की। 2014 के जो चुनाव हम हारे, उससे ज्यादा फायदेमंद चीज नहीं हो सकती। मेरी पिटाई कर-करके उन्होंने मेरी आंखें खोल दीं। राहुल गांधी यहां पार्टी की एक सभा में सवालों के जवाब दे रहे थे। वे 3 दिन के गुजरात दौरे पर हैं।
राहुल ने स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस को मजबूत करने के सवाल पर कहा ये बीजेपी एक्स्ट्रीम करती है। कांग्रेस को भी जिस तरह काम करना था, नहीं किया। हमारी गलती मानता हू्ं।भारत में हर 24 घंटे में 30 हजार युवा रोजगार के बाजार में आ जाते हैं, लेकिन सरकार केवल 450 रोजगार ही दे पा रही है। उधर, चीन की सरकार हर रोज 50 हजार रोजगार रोज देती है।
अगर 5-10 सालों में भारत हर दिन 30-40 हजार रोजगार नहीं दे पाया तो कोई बहाना काम नहीं आएगा। कोई भी उस गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पाएगा, जो तब फैलेगा। हमारी सरकार का रिकॉर्ड इनकी (BJP) सरकार से बेहतर था। लेकिन, हमारा रिकॉर्ड भी 10 के मुकाबले 5 का था।लीडर का काम होता है कि वो 5-10 साल आगे की सोचे। किसी लीडर का ये काम नहीं होता है कि वो जबरदस्ती लोगों पर चीजें थोपे, जिससे लोगों को कष्ट हो।
हमारा सिस्टम नई चीजों को खत्म करने का है। अगर आप इसे खत्म नहीं करते तो ब्यूरोक्रेसी कर देती है, वो नहीं करती तो होम मिनिस्ट्री कर देती है। अगर आप कुछ नया करने की सोचते हैं तो 50 लोग आपको पीछे खींचने लगते हैं।मैं ये नहीं कह सकता कि मैं देश से बीजेपी को खत्म करना चाहता हूं, वो कह सकते हैं। मेरे परिवार में गांधीजी के सिद्धांत हैं।
जब मैंने अपने पिता के हत्यारे प्रभाकरण की बॉडी देखी तो मुझे बुरा महसूस हुआ। मैंने इस बारे में प्रियंका जी को भी बताया। उन्हें भी बुरा महसूस हुआ।राहुल सोमवार को 3 दिन के गुजरात दौरे पर अहमदाबाद पहुंचे। बीते 10 दिन में राज्य में उनका दूसरा दौरा है। पिछली बार वे यहां 26 से 28 सितंबर तक थे। इस दौरान वे सौराष्ट्र के 5 जिलों में गए थे। इस बार वे 6 जिलों में जाएंगे।
उन्होंने खेड़ा में कहा गुजरात में विकास झूठ सुन-सुनकर पागल हो गया है। जीएसटी में छोटा व्यापारी हर महीने में 3 फॉर्म कैसे भरेगा? एक सवाल पूछे बिना मोदीजी ने नोटबंदी कर दी। छोटे से छोटा बच्चा इसके नुकसान बता देगा। वो कहेगा कि हमारी दुकान कैश से चलती है। गुजरात में कांग्रेस की सरकार आई तो हम अपने मन की बात नहीं बताएंगे। आपके मन की बात सुनेंगे।