कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार से अमेठी के तीन दिनों के दौरे पर हैं। एक दशक से अमेठी नुमाइंदगी कर रहे राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र में सरकार पर किसानों को नजरअंदाज करने और फूड पार्क का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री सारी दुनिया घूमने जाते हैं लेकिन वह खुदकुशी करने वाले एक भी किसान के घर नहीं गए। प्रधानमंत्री के पास किसानों के लिए वक्त नहीं है।’
राहुल के अमेठी दौरे में फूड पार्क का मसला भी तूल पकड़ता दिख रहा है है। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने गरीबों से फूड पार्क छीन लिया है। इससे न केवल अमेठा का भला होता बल्कि पूरे क्षेत्र को इसका फायदा मिलता।’ उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार बदले की भावना से फूड पार्क को बंद करवा रही है। राहुल गांधी ने सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार को 10 में से जीरो नंबर दिए।राहुल आखिरी बार अमेठी बीते वर्ष दिसंबर के महीने में आए थे, जबकि उनके खिलाफ यहां से चुनाव लड़ने वालीं मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी पिछले हफ्ते भी अमेठी आई थीं। उन्होंने राहुल की आलोचना करते हुए कहा, ‘मेरे अमेठी दौरे के बाद ही राहुल की टीम ने उनके अमेठी जाने की घोषणा की। मुझे खुशी है कि राहुल मेरे नक्शेकदम पर चल रहे हैं।’
अमेठी के फूड पार्क को लेकर जिस दिन लोकसभा में सरकार को घेरने की विपक्ष कोशिश कर रहा था, स्मृति ईरानी उसी दिन किसानों से मिलने अमेठी आई हुई थीं। स्मृति ईरानी ने अपने दौरे में फूड पार्क को लेकर राहुल गांधी पर अमेठी के लोगों और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया था। गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले इस किले में स्मृति के राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ने से उनकी जीत का मार्जिन काफी कम हो गया था।
फूड पार्क के मामले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों कहा था, ‘फूड पार्क पर कंपनी ने ही दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसके चलते इसे रद्द किया गया। इस मामले की जानकारी अमेठी के सांसद राहुल गांधी को भी दे दी गई थी।’ बीजेपी का आरोप है कि राहुल गांधी ने झूठ बोला था और यूपीए सरकार की वजह से ही शक्तिमान फूड पार्क बनाने के लिए चुनी गई आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी इंडो गल्फ फर्टिलाइजर्स लिमिटेड को इस प्रॉजेक्ट से हाथ खींचना पड़ा।