स्‍मृति ईरानी का राहुल गांधी पर हमला

smiriti-irani

मंत्री स्‍मृति ईरानी ने शनिवार को वृंदावन में वामपंथी पार्टियों पर हमला बोला। उन्‍होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वह 50 की उम्र में भी खुद को युवा नेता कहते हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्‍ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि लेफ्ट पार्टियों का इतिहास दागदार रहा है।खुद को नौजवान कहने वाले एक नेता की उम्र लगभग 50 की हो रही है। लोकसभा में माता जी का आर्शीवाद रहा। वह दस वर्ष से सांसद हैं। लेकिन अपने ही क्षेत्र में विकास नहीं कर पाए हैं। वह दुहाई देते हैं कि राष्‍ट्रवाद उनकी रगों में दौड़ता है।

जो अपने खून की दुहाई देते हैं, उनसे मेरा निजी बैर नहीं है। लेकिन यह सत्‍य है कि जो नक्‍सली इलाके में सीआरपीएफ या सरहद पर सेना का जवान मरता है, उसका बेटा व बेटी राजनीति में अपनी गद्दी नहीं संभालता है। वह नहीं कहता कि उसे नेता बनना है।इन सेनानियों के बच्‍चे हमेशा एक ही बात कहते हैं, कि सरहद पर जाकर रक्षा करूंगा।वर्ष 2009 में इग्‍नू के साथ भारत की सेना का करार हुआ था। इसके तहत सेवा में रहते हुए सैनिकों को डिग्री दी जाएगी। लेकिन पिछली सरकार ने डिग्री देना बंद कर दिया।

यह काम सरकार में आते ही हमने पहले साल ही किया। ऐसे 3 लाख 73 हजार सैनिकों को डिग्री दिलवाने का काम किया है।हमने अपने कर्तव्‍यों से सेना को प्रमाण दिया कि भले ही कांग्रेस आपके साथ न हो लेकिन भाजपा आपके साथ न्‍याय करेगी।मैं भाजयुमो की कार्यकर्ता थीं और आज मोदी सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री हूं।जो देश तोड़ने की बात करेगा तो भाजयुमो उसका मुंह तोड़ जवाब देगा।

यह देश का दुर्भाग्‍य है कि कुछ राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने अफजल गुरु, मकबूल भट्ट का समर्थन करने वालों का साथ दिया है और कहा कि यह अभिव्‍यक्ति की आजादी है। देश तोड़ने की बात करने वालों का महिमा मंडित किया गया।शत्रु चाहे कितने भी प्रहार कर लें, हम धैर्य से कृष्‍ण की भांति मुस्‍कुराते हुए मुकाबला करेंगे। इस बात का संकेत इस पुण्‍य भूमि से मिलता है।युद्ध का जो बिगुल 2014 में कार्यकर्ताओं ने बजाया, वो अभी समाप्‍त नहीं हुआ है। नया संघर्ष शुरू हुआ है, देश को विश्‍व गुरू के शिखर पर लाने का।

वर्ष 2006 में दलित लड़की तापसी मलिक सिंगूर में जमीन बचाने का काम कर रही थी। लेफ्ट पार्टी के गुंडों ने उसका रेप किया, जलाया और अधजले शरीर को खेत में फेंक दिया था।जो लोग आज देश को खंडित करने का काम कर रहे हैं, उनके आंख में उस वक्‍त आसूं क्‍यों नहीं आया।जो लाल सलाम की घोषणा करते हैं, उनसे कहती हूं कि जब वर्ष 2007 में किसानों पर लेफ्ट की सरकार ने गोलियां चलावाई थी, तब आंखों से आसूं क्‍यों नहीं बहे।

वर्ष 1999 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष व प्राइमरी स्‍कूल के टीचर जयाकृष्‍णन को क्‍लासरूम में छात्रों के सामने टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए, उस समय किसी के मुंह से ऊफ तक नहीं निकली।यह बताना जरूरी है, क्‍योंकि लोकसभा चुनाव के विजय का आनंद सबको प्राप्‍त हुआ है, लेकिन जब तक तापसी और जयकृष्‍णय जैसों को न्‍याय नहीं मिलता, तब तक संघर्ष समाप्‍त नहीं होगा।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *