राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को देर से बातें समझ में आती हैं जबकि उनके पिता दिवंगत राजीव गांधी को बातें जल्दी समझ में आती थीं। जेटली ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह ‘गंभीर मुद्दों की बुनियादी समझ के बगैर ही’ मुद्दे उठाता रहता है। उन्होंने इस बात को भी सिरे से खारिज कर दिया कि कोई ‘राहुल फैक्टर’ असर दिखा रहा है। ‘राहुल फैक्टर’ के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं इसे कोई फैक्टर नहीं मानता।
राहुल के पिता और दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी का हवाला देते हुए जेटली ने कहा, ‘मैं राजीव जी के बारे में कहना चाहता हूं कि वह 1981 में राजनीति में आए और 1984 में प्रधानमंत्री बन गए। लेकिन वह जल्दी सीखते थे।’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि राहुल गांधी भी चीजें जल्दी सीखें। लेकिन अब तक उन्हें बातें देर से ही समझ में आती हैं।
जेटली ने कहा कि भाजपा जब विपक्ष में थी तो वह भी मुद्दे उठाती थी लेकिन उन्हें इस बात की ‘चिंता’ है कि विपक्ष कभी-कभी मुद्दों की पूरी समझ के बगैर ही मुद्दे उछालता रहता है। असम में सरकार बनाने की भाजपा की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि पार्टी ने बिहार चुनाव से सबक सीखा है और एक व्यापक गठबंधन बनाया है।
उन्होंने कहा, ‘अब वहां भाजपा और असम गण परिषद हैं। लोगों का कहना है कि असम गण परिषद अब पहले की तरह प्रभावशाली नहीं है। लेकिन यदि उन्हें आठ-नौ फीसदी वोट भी मिले तो जीत और हार का अंतर बहुत बड़ा होगा।’ जेटली ने कहा कि बोडो प्रभावित सीटें भी दांव पर हैं।