पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू ने शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे राहुल गांधी के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। इस दौरान पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी बैठक में मौजूद रहे। इस बैठक के बाद ये माना जा रहा है कि पंजाब में सियासी हालात अब सामान्य हो जाएंगे।कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी सुबह दिल्ली पहुंचेंगे।
इससे पहले इस बैठक में राहुल गांधी ने नवजोत सिंह सिद्दु से फीडबैक लिया। सिद्दू और राहुल गांधी की ये बैठक करीब एक घण्टे चली।बैठक के बाद हरीश रावत ने कहा, सिद्दू ने राहुल गांधी को भरोसा दिलाया है कि वो अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाएंगे। सिद्दू पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। सिद्दू ने राहुल गांधी को कहा है कि उन्होंने अपना त्यागपत्र वापस ले लिया है।
रावत ने कहा उन्होंने राहुल गांधी के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया। हमने उनसे कहा है कि यहां उनकी चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा।गौरतलब है कि पंजाब में जारी गतिरोध के बीच गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू दिल्ली पहुंचे। इसके कांग्रेस मुख्यालय में संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रभारी हरीश रावत से उन्होंने करीब 50 मिनट उन्होंने मुलाकात की।
कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर सिद्दू करीब 6: 30 पर दिल्ली पहुँचे और दोनों नेताओं के साथ बैठक की। सिद्धू के इस्तीफे के बाद यह दिल्ली में पहली बैठक हुई थी। जिस तरीके से नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दिया था, उनके रवैये से गांधी परिवार नाराज है। यही वजह है कि उन्हें दिल्ली बुलाया गया था। उम्मीद लगाई जा रही है कि अब राहुल गांधी के साथ सिद्दू की बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस में गतिरोध दूर हो गया है।
गुरुवार को बैठक के बाद सिद्दू ने कांग्रेस मुख्यालय में कहा था कि, मेरे जो भी मुद्दे थे, मैंने पार्टी हाईकमान को बता दिया है। मुझे पूरा भरोसा है कि प्रियंका जी, राहुल जी मेरी बातों को समझेंगे और मुझे उनके निर्णय पर विश्वास है। वे जो भी फैसला लेंगे वह कांग्रेस और पंजाब के हित में होगा।वहीं पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने गुरुवार को कहा था, नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत चन्नी ने कुछ मुद्दों पर बात की है।
समाधान निकलेगा.. कुछ चीजें हैं जिनमें समय लगता है। थोड़ा इंतजार करना होगा समाधान जल्द ही निकलेगा।सूत्रों की माने तो कांग्रेस नेतृत्व कार्यसमिति की 16 अक्टूबर को होने वाली बैठक से पहले पंजाब की उठापटक के अध्याय को पूरी तरह खत्म करना चाहता है। फिलहाल पार्टी नेतृत्व ने मन बना लिया है कि सिद्धू अपनी जिद छोड़कर, अड़ियल रवैया त्याग कर, लचीला रुख अपनाते हुए पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर काम करें।