अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवावरण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने आज (2 अप्रैल) भारत बंद का ऐलान किया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक दलित संगठन से जुड़े लोगों ने सोमवार तड़के उड़ीसा के संभलपुर (Sambalpur) में रेल पटरियों पर जमा हो गए और ट्रेनों की आवाजाही रोक दी.
एहतियातन पंजाब सरकार ने बस और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रखने का आदेश दिया है.पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दो अप्रैल को भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर पंजाब सरकार ने कल पूरे राज्य में सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं निलंबित रखने का फैसला किया है.
उन्होंने बताया कि पीआरटीसी, पंजाब रोडवेज और पनबस की बसें कल सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी तथा इन बसों की सेवाएं निलंबित रहेंगी.भारत बंद ऐलान के चलते पंजाब में सोमवार को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पंजाब शिक्षा निदेशालय की मांग पर रविवार देर रात इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी।
सीबीएसई का कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर बोर्ड ने यह फैसला लिया है। दोनों पेपर की तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी। सोमवार को 10वीं की संस्कृत विषय की और 12वीं की हिंदी इलेक्टिव की परीक्षा होनी थी.
अधिकारी के अनुसार राज्य सरकार ने रविवार शाम पांच बजे से लेकर सोमवार रात ग्यारह बजे तक के लिए मोबाइल नेटवर्कों पर प्रदत्त एसएमएस सेवाओं और डोंगल सेवाओं के अलावा मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (2जी/3जी/,4जी/डीसीएमए) के निलंबन का आदेश भी दिया है.
सचिव (गृह) राहुल तिवारी ने बताया कि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का आदेश सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार, अफवाहों को फैलाने से रोकने तथा शांति एवं व्यवस्था बिगड़ने से रोकने के लिए उठाया गया है.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य के लोगों खासकर अनुसूचित जाति के सदस्यों से संयम बरतने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.दलितों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि SC/ST एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार सोमवार को पुनर्विचार याचिका दायर करेगी.
गुजरात के विधायक और खुद को दलित नेता बताने वाले जिग्नेश मेवानी भी भारत बंद में शामिल हुए हैं. जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट कर लोगों से भारत बंद में शामिल होने की अपील की है. बीजेपी के दलित सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिक दाखिल करने की मांग की है.