पीएनबी घोटाले के बाद बैंक अब लोन मंजूरी से लेकर उसके भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया बदलने जा रहा है। वहीं, स्ट्रेस्ड एसेट और गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की रिकवरी के लिए बैंक अलग सेल गठित करने जा रहा है। बैंक ऑडिट प्रक्रिया को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी मदद लेने की योजना बना रहा है।
पीएनबी में होने वाले इस बदलाव से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि लोन सैंक्शन के काम में बैंक की शाखा (ब्रांच) का कोई रोल नहीं रहेगा। इसके लिए एक सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर होगा जो लोन सैंक्शन से लेकर दूसरे अहम काम को संचालित करेगा। अभी लोन सैंक्शन का काम लगभग हर ब्रांच करती है।
ब्रांच को लोन सैंक्शन का टारगेट तक दिया जाता है।अधिकारियों ने बताया कि इस पर भी विचार किया जा रहा है कि लोन सैंक्शन के पहले के मूल्यांकन एवं सैंक्शन के बाद उसके भुगतान के लिए अलग-अलग टीम हों।पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए पीएनबी की सभी ब्रांचों में ऑटोमेटिक रिस्पांस मैकेनिज्म विकसित किए जाएंगे, ताकि ग्राहकों की शिकायतों को कम से कम समय में निपटा दिया जाए।
पीएनबी अधिकारी ने बताया कि अगले छह महीनों में देश भर में स्ट्रेस्ड रिकवरी सेल बनाए जाएंगे। जल्द ही कुछ जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत की जाएगी।बैंक का मानना है कि कई बार कंपनी या कोई व्यक्ति जिस काम के नाम पर लोन लेता है, उसकी बजाय कहीं और खर्च करता है।
इससे एनपीए बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।इसलिए बैंक एक ऐसी टीम बनाना चाहती है जो कर्जदार के खर्च करने के तरीके की निगरानी करेगी। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि कर्ज का सही समय पर भुगतान किया जाए।नीरव मोदी और उससे जुड़ी कंपनियों को मुंबई स्थित पीएनबी की शाखा से 1590 फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेंकिंग (एलओयू) जारी किए गए थे।
इस घोटाले में पीएनबी के कई अफसरों की गिरफ्तारी भी हुई है। पीएनबी के सीएमडी से भी पूछताछ की गई। बैंक लोगों के बीच अपनी साख बचाने के लिए यह कवायद कर रही है। इस घोटाले के बाद दूसरे बैंक भी लोन को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं और सख्ती करने की तैयारी में हैं।