कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस हिरासत में मारे गए व्यक्ति के परिवार से मुलाकात की और न्याय के लिए उनकी लड़ाई में हर संभव मदद का वादा किया।प्रियंका आधी रात से ठीक पहले अरुण वाल्मीकि के घर पहुंचीं और वाल्मीकि के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अरुण वाल्मीकि के रिश्तेदारों ने मुझे बताया कि पूरे परिवार को प्रताड़ित किया गया था। उन्होंने दावा किया कि वाल्मीकि को बिजली के झटके दिए गए और उनके हाथों को पुलिस ने कुर्सी के नीचे कुचला भी था। इसके अलावा, वाल्मीकि समुदाय के लगभग 40 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया था और प्रताड़ित किया गया।
इस महीने दूसरी बार लखनऊ में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका को चार अन्य लोगों के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी।इससे पहले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर पहले टोल प्लाजा पर उनकी कार को रोका गया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
उन्होंने कहा कि अगर मैं घर पर हूं, ठीक हूं।
अगर मैं अपने कार्यालय जाती हूं, तब तक सब ठीक रहता है, लेकिन जैसे ही मैं कहीं और जाती हूं, वे यह तमाशा शुरू करते हैं। क्यों? मैं उस परिवार से मिलूंगी। यह हास्यास्पद हो रहा है, यातायात को देखो, लोग प्रभावित हो रहे हैं ।प्रियंका ने देश में स्वतंत्र आवाजाही के अपने संवैधानिक अधिकार को भी रेखांकित किया।
इस बीच आप सांसद संजय सिंह भी देर रात आगरा पहुंचे और मृतक अरुण वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने पुलिस द्वारा की जा रही अराजकता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि भाजपा कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है।उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पहले पुलिस ने गोरखपुर में एक व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या की और अब एक निर्दोष व्यक्ति को हिरासत में मौत की सजा दी गई है।
एक सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि पर एक इमारत से पैसे चुराने का आरोप लगाया गया था, जो पुलिस स्टेशन के साक्ष्य गोदाम में एक क्लीनर के रूप में काम करता था।पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई।उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया है।