पनामा पेपर्स लीक में करीब 500 भारतीयों का नाम आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जानकारी ली और अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर पहली जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संघ (आईसीआईजे) ने हाल ही में पनामा पेपर्स को लीक किया था जिसमें टैक्स हैवन में पैसा जमा करने वाले भारतीयों के नाम का भी खुलासा भी हुआ था। बेल्जियम और सऊदी अरब की पांच दिवसीय विदेश यात्रा से वापस आने के तुरंत बाद ही मोदी ने उच्चाधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने इस मामले की पूरी जानकारी ली थी।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि मोदी 4 अप्रैल की सुबह करीब 1:30 बजे विदेश यात्रा से भारत लैटे थे। उसी दिन सुबह 7 से 7:30 बजे उच्चाधिकारियों की बैठक भी बुला ली और उन्हें 15 दिनों के भीतर इस मामले की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।अधिकारी के मुताबिक इस बैठक में उन्होंने इस मामले की जांच कालाधन पर जांच करने वाली विशेष जांच दल को देने के बजाय किसी समिति को सौंपने पर सहमति जताई थी। उन्होंने बताया कि मोदी पहले इस मामले को पूरी तरह से समझना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने की बात कही। उनके दिए निर्देशों पर काम भी शुरू हो चुका है।
मालूम हो कि पनामा पेपर्स लीक मामले में जांच समिति का गठन किया जा चुका है। समिति में विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। समिति में वित्तीय खुफिया इकाई, विदेशी कर और कर अनुसंधान प्रभाग, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के एक दल को शामिल किया गया। समिति ने बीते 7 अप्रैल को अपनी पहली बैठक की थी।पनामा पेपर्स में दुनिया के उन रईस लोगों के नाम का खुलासा हुआ है जिन्होंने कर चोरी के लिए टैक्स हैवन में अपने पैसों को जमा कराया। इस काम के लिए उन्होंने मोसाक फोंसेका नामक कंपनी की मदद ली जो करीब 40 साल से ऐसे काम को अंजाम देता आया है।