राष्ट्रपति चुनाव से पहले रविवार को अपोजिशन की मीटिंग में सोनिया गांधी ने कहा इस चुनाव में आंकड़े हमारे खिलाफ हो सकते हैं, लेकिन हमें मजबूती से लड़ाई लड़नी चाहिए। देश-समाज को संकट से निकालने के लिए मीरा कुमार और गोपालकृष्ण गांधी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति बनाएंगे। इसके लिए हम सब साथ हैं। राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति देश के संवैधानिक हेड होते हैं।
संविधान और कानून की रक्षा का जिम्मा इनके पास है। हम ओछी सांप्रदायिक सोच रखने वालों के भरोसे देश नहीं छोड़ सकते। मानसून सेशन और चुनाव पर स्ट्रैटजी तैयार करने के लिए विपक्ष ने मीटिंग बुलाई थी। इसमें यूपीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार भी शामिल हुईं। बता दें कि एनडीए ने रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया है।
चुनाव के नतीजे 20 जुलाई को आएंगे।विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी 18 जुलाई को नॉमिनेशन फाइल करेंगे। वहीं, अपना कैंडिडेट तय करने के लिए सोमवार को एनडीए की मीटिंग होगी।संसद का मानसून सेशन सोमवार से शुरू हो रहा है। इसके लिए रविवार को सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई। कांग्रेस समेत अपोजिशन के कई बड़े नेता इसमें मौजूद रहे।
सूत्रों ने बताया कि 5 अहम मुद्दों पर सरकार को संसद में घेरा जाएगा। इसके लिए 18 विपक्षी दलों ने बाकायदा स्ट्रैटजी तैयार की है।विपक्ष ने जिन 5 मुद्दों पर सरकार पर सवाल खड़े करने की तैयारी की है, उनमें नोटबंदी का लोगों पर बुरा असर, जीएसटी लागू करने में जल्दबाजी, किसानों की आत्महत्या, राजनीतिक साजिश, देश के संघीय ढांचे को बचाना और फेक न्यूज फैलाकर लोगों को भड़काना शामिल है।
विपक्ष का आरोप है सरकार राजनीतिक साजिश कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को नारदा स्कैम में फंसाया गया। वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके परिवार, लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापेमारी की गई।
बता दें कि मंगलवार को हुई अपोजिशन पार्टियों की मीटिंग में सोनिया-राहुल गांधी, तृणमूल नेता डेरेक ओ’ब्रायन, जेडीयू के शरद यादव, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल, सीपीएम के सीताराम येचुरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, सपा नेता नरेश अग्रवाल, बीएसपी के सतीश मिश्रा और 10 अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।
डेरेक ने कहा पार्टियां इंडीविजुअली भी मुद्दों को उठाएंगी लेकिन कुछ मामलों पर 18 पार्टियां एकसाथ सरकार को घेरेंगी। हम (18 पार्टियां) एक टीम की तरह काम कर रहे हैं। इसमें किसी एक नेता के प्रमुख होने का सवाल ही नहीं उठता।