राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की 150वीं वर्षगांठ के समारोह का उद्घाटन किया.राष्ट्रपति ने कहा है कि न्यायालयों में न्यायाधीशों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जायेगा ताकि लंबित मामलों का जल्द से जल्द निबटारा हो सके. राष्ट्रपति ने कहा जजों का पद रिक्त हैं जिससे वादों को निबटाने में दिक्कतें आ रही हैं. जजों के रिक्त पदों को भरने का करेंगे ताकि लंबित वादों को निबटाने में मदद मिले.
उन्होंने कहा कि समय से काम की सम्पन्नता एक महत्वपूर्ण विषय है. समय से न्याय मिलना ही चाहिये. न्याय सबके लिए सुलभ होना चाहिए. उन्होंने न्यायालयों को न्याय का मंदिर बताया और कहा कि इसमें न्याय तो मिलता ही है.राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र में न्यायपालिका का महत्वपूर्ण स्थान है. न्यायपालिका कि जिम्मेदारी भी अहम है. इलाहाबाद शहर की महत्ता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस नगर में देश को कई विभूतियां दी है. देश का पहला प्रधानमंत्री भी इसी शहर का था.
श्री मुखर्जी ने कहा कि ज्यादतर न्यायालय हाईटेक हो चुके हैं जहां यह काम अभी बाकी है वहां भी इसे पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि जजों की कमी को पूरा करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारें सहयोग करेंगी.उन्होंने इस अवसर राष्ट्रपति ने दस रुपये का सिक्का तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट पर विशेष डाक टिकट भी जारी किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘मैं यहां पर आए सभी लोगों को बधाई देता हूं. यहां आकर मुझे भी खुशी हो रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास गौरवपूर्ण है.
इस अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को डिजिटल लाइब्रेरी की पुस्तक की कापी की भेंट की. सिक्के व डाक टिकट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ का चित्र बना है.राष्ट्रपति ने इस खास अवसर पर तैयार की गई ‘सेस्क्युसेंटेनियल बुक’ का भी विमोचन किया.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने इस मौके पूर्व अधिवक्ता मोती लाल नेहरु, जवाहर लाल नेहरु, तेज बहादुर सप्रू को याद कर इलाहाबाद के महान विभूतियों की तारीफ की.उन्होंने कहा कि अभी भी दस लाख केस लंबित हैं. हमको इनको कम समय में ही निपटाना होगा. सभी मेहनत से काम करेंगे तो केस निपट जाएंगे. उन्होंने कहा कि बार के बिना कोर्ट अधूरा है. न्यायमूर्ति ठाकुर ने न्यायालयों और बार एसोसियेशन के सदस्यों के सामंजस्य को जरूरी बताया.
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि सभी को सर्वसुलभ न्याय मिलने की जरूरतों को पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने उत्तर प्रदेश को आगे ले जाने में इलाहाबाद हाई कोर्ट की भूमिका की सराहना की.यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया. अखिलेश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की 150वीं जयंती पर सभी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद एक गौरवशाली शहर रहा है. उन्होंने यहां पर कई विधाओं का संगम होता है.
इस अवसर पर अखिलेश ने अपनी सरकार के जनता के साथ ही वकीलों के हित में कार्यों का विवरण भी पेश किया.केन्द्रीय कानून मंत्री सदानंद गौडा ने कहा कि कानून व्यवस्था को और चुस्त-दुरूस्त करना होगा. इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, उडीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विनीत शरन, मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दिनेश माहेरी, कोलकाता के मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और मध्य प्रदेश के न्यायमूर्ति एस के पॉलो भी मौजूद थे.
इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी विशेष विमान से इलाहाबाद के सेंट्रल एयर कमांड के एयरपोर्ट, बमरौली पर उतरे. एयरपोर्ट पर राज्यपाल राम नाईक के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुख्य सचिव आलोक रंजन तथा पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने उनकी अगवानी की.इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना वर्ष 1866 में आगरा में हुई थी. तीन वर्ष बाद इसे इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था.
मुख्य समारोह रविवार 13 मार्च से 21 मार्च तक अनवरत चलेगा. सोमवार को हाईकोर्ट के कर्मचारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे तो 15 को प्रतिष्ठित विधिवेत्ताओं का व्याख्यान होगा. 16 मार्च को अधिवक्ताओं की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा. 17 को रक्तदान शिविर लगाया जाएगा. इसी दिन एक चिकित्सा शिविर भी लगेगा जो 21 मार्च तक चलेगा.
इसी श्रृंखला में लखनऊ खंडपीठ के नए भवन का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर करेंगे.रविवार की सुबह केंद्रीय विधि मंत्री सदानंद गौड़ा, देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने संगम पर स्नान करने के साथ ही दर्शन-पूजन भी किया.