यूपी के राज्यपाल राम नाईक की पुस्तक चरैवेति चरैवति का लोकार्पण राजभवन में हुआ. इस मौके पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई दिग्गज नेता मौजूद थे.इस मौके पर राजनाथ ने कहा देश में राजनीति और राजनेताओं के प्रति विश्वास का संकट पैदा हो गया है, उसे खत्म करना बहुत जरूरी है. इसे एक चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए.
लखनऊ स्थित राजभवन में नाईक की पुस्तक का विमोचन करते हुए गृहमंत्री ने यह बातें कही. इस माके पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी, पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय भी मौजूद थे.राजनाथ ने राम नाईक की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जो पुस्तक लिखी है, यह ठीक उनके जीवन के संघर्षों की तरह है.
वह हमेशा जीवन में चलते रहे, जिसकी वजह से उन्होंने अपना राजनेता के रूप में ही मुकाम नहीं बनाया, बल्कि एक सामाजिक राजनेता के रूप में भी उभरे.गृहमंत्री ने हालांकि चुटकी लेते हुए कहा कि उप्र का राज्यपाल बनने के बाद नाईक ने यहां भी खूब काम किया है और इसको मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी समझते होंगे.इससे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राम नाईक ने जो पुस्तक लिखी है, उससे सभी नौजवानों को सीख लेनी चाहिए.
उनका जीवन संघर्षों भरा रहा है. हर राजनेता के लिये समय, काल व परिस्थतियां अलग होती हैं.अखिलेश यादव ने कहा कि उप्र के राज्यपाल के तौर पर उनसे काफी कुछ सीखने को भी मिला है. जब जब कोई दिक्कत आयी उन्होंने हमेशा मार्गदर्शन किया और समस्या के समाधान के लिये उपाय भी सुझाए.इस मौके पर अखिलेश केंद्र सरकार के नोट बदलने के फैसले पर चुटकी लेना नहीं भूले.
उन्होंने कहा राम नाईक जी की पुस्तक आ गई है और आज सबको मिल भी जाएगी. इस मौके पर मैं आग्रह करना चाहूंगा कि लोगों के लिए पुराने नोट से भी पुस्तक खरीदने की व्यवस्था की जाए.इससे पहले राज्यपाल नाईक ने भी अपनी पुस्तक के बारे में लोगों को बताया. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में उनके जीवन की कहानी नहीं है, बल्कि कुछ मार्मिक और रोचक घटनाओं को संग्रह है.