नीतीश कुमार के लिए प्रचार कर एक सुर्खियों में आए प्रशांत किशोर अब उत्तर प्रदेश में भी एंट्री कर सकते हैं, वह भी कांग्रेस के लिए। बताया जा रहा है कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए उनकी कांग्रेस से बातचीत चल रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत के दो करीबी साथी और कांग्रेस के एक सीनियर लीडर ने इस बात को कन्फर्म किया है। पिछले दिनों प्रशांत और कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी के बीच मुलाकात की खबरें भी सामने आईं थीं। खबर यह भी है कि प्रशांत 2019 के लोकसभा चुनाव में कई पार्टियों के लिए मोदी सरकार के खिलाफ कैंपेन कर सकते हैं।
बता दें कि प्रशांत कभी नरेंद्र मोदी के करीबी थे। मोदी और बीजेपी को 2014 का लोकसभा चुनाव जिताने में उनका बड़ा रोल था।प्रशांत कुछ साल पहले कांग्रेस के साथ काम कर चुके हैं। अमेठी में उन्होंने राहुल गांधी के लिए भी इलेक्शन कैंपेन किया था।गुजरात में मोदी के साथ काम करने से पहले 2012 में वे ‘ख़ास प्लान’ लेकर कांग्रेस के पास भी गए थे। तब सोनिया और राहुल गांधी ने उनमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।
बिहार चुनाव में महागठबंधन (जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस) को शानदार जीत दिलाने वाले प्रशांत किशोर फिलहाल पटना में ही हैं। दो दिन पहले उन्हें छठ पूजा के दौरान पटना के गंगा घाट पर नीतीश कुमार के साथ देखा गया था।बताया जा रहा है कि नीतीश खुद प्रशांत को अभी अपने साथ रखना चाहते हैं। इसलिए वे प्रशांत को राज्यसभा सीट ऑफर कर सकते हैं। खबरें यह भी है कि प्रशांत ने ऑफर ठुकरा दिया है। हालांकि, वे 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में महागठबंधन के लिए प्रचार कर सकते हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उनसे संपर्क कर चुकी हैं।ममता चाहती हैं कि पश्चिम बंगाल में 2016 में होने वाले इलेक्शन के लिए प्रशांत तृणमूल के लिए स्ट्रैटेजी बनाएं।
37 साल के प्रशांत किशोर यूनाइटेड नेशन्स में हेल्थ वर्कर रहे हैं। लेकिन 2011 में वे भारत लौटे और राजनीतिक पार्टियों के इलेक्शन कैंपेन और स्ट्रैटजी बनाने का काम करने लगे। बताया जाता है कि वे बिहार बॉर्डर से सटे यूपी के बलिया जिले के रहने वाले हैं।उन्होंने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर गुजरात में कैंपेन शुरू किया। 2012 में उन्होंने गुजरात असेंबली इलेक्शन में नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कैंपेन की कमान अपने हाथों में ली।