प्रशांत भूषण की केजरीवाल को खुली बहस की चुनौती

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जनता के साथ ‘विश्वासघात करने’ का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने अपने पूर्व साथी को ‘खुली बहस’ की चुनौती दी.आप ने हालांकि दिल्ली डायलॉग कमीशन के उपाध्यक्ष आशीष खेतान को भूषण से मुकाबला करने के लिए उतारा है. इसपर भूषण ने कहा कि केजरीवाल बहस से डरते हैं.एफएम चैनलों पर चलाए गए एक रेडियो विज्ञापन में भूषण ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल में जनलोकपाल विधेयक पारित किया और दावा किया कि उन्होंने अपना वादा पूरा किया है.

मैं नहीं मानता कि उन्होंने ऐसा किया. मेरा मानना है कि (भ्रष्टाचार विरोधी) आंदोलन और देश दोनों के साथ विश्वासघात किया गया है. इसलिए मैं उन्हें खुली बहस के लिए आमंत्रित करता हूं ताकि वह खुद देख सकें कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच.’’भूषण और योगेंद्र यादव नीत स्वराज अभियान ने केजरीवाल पर ‘हल्का’ विधेयक पारित करने का आरोप लगाया है और इसे लोकपाल की नियुक्ति, उसे हटाने और जांच के दायरे को लेकर इसे ‘महाजोकपाल’ बताया.

 खेतान ने कहा कि भूषण और यादव ने लोकपाल की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर क्यों प्रदर्शन किया. संयोग से, खेतान और भूषण के बीच सार्वजनिक बहस तब भी हुई थी जब भूषण और यादव ने केजरीवाल के खिलाफ बगावत का मोर्चा खोला था.

खेतान ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मैं एट-योगेंद्र यादवजी और एट पीभूषण1 जी से जन लोकपाल विधेयक, 2015 पर सार्वजनिक बहस का इच्छुक हूं. क्यों प्रशांत जी ने मोदीजी के आवास के बाहर प्रदर्शन नहीं किया जब उन्होंने व्यापमं घोटाले में एट चौहान शिवराज के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया था. क्यों प्रशांत जी और योगेंद्र जी ने प्रधानमंत्री बनने के डेढ़ साल बाद भी मोदी जी के लोकपाल नहीं नियुक्त करने के खिलाफ कभी प्रदर्शन नहीं किया.’’

खेतान ने कहा, ‘‘क्यों प्रशांत जी ने मोदी जी और अडानी और अंबानी के बीच गठजोड़ का मुद्दा उठाना बंद कर दिया. क्यों प्रशांतजी ने मोदी सरकार के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा जब मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार के एसीबी को हाईजैक करके दिल्लीवासियों के लिए शिकायत का कोई रास्ता नहीं छोड़ा. क्यों प्रशांत जी ने बड़े डीडीसीए घोटाले पर एक भी शब्द नहीं बोला और एट अरूण जेटली जी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की मांग नहीं की. जहां प्रशांत भूषण जी ने 2 जी और कोयला घोटाले का पर्दाफाश करने में बड़ी भूमिका निभाई, वहीं पिछले एक साल में उनकी राजनीति के बारे में उन्हें कुछ सवालों के जवाब देने की आवश्यकता है.’’

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