भारत देश में भ्रष्टाचार जैसी विलासित सहने की ताकत होने होने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि राज्य को नीति संचालित होना चाहिए और यह व्यक्ति की मर्जी पर आधारित नहीं होना चाहिए।भ्रष्टाचार निरोध पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आधार और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी आधारित ऐप्लिकेशन के इस्तेमाल पर जोर दिया।
उन्होंने कहा जब हम नियम बनाते हैं और अगर इसमें कोई अस्पष्टता है, जो लोगों के हस्तक्षेप के लिए खुली तो यह भ्रष्टाचार के द्वार खोलता है। इसलिए राज्य को नीति संचालित होना चाहिए। यह व्यक्ति की मर्जी से नहीं चलना चाहिए। अगर राज्य नीति संचालित है तो अगर-मगर पर पाबंदी होगी। यदि कोई अगर-मगर नहीं है तो भेदभाव के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सरकार नीति संचालित राज्य पर जोर देती है तो व्यक्ति विशेष द्वारा व्याख्या किए जाने की काफी कम गुंजाइश रहेगी।उन्होंने कहा विधि, नियम और व्यवस्था खुद अपने लिए बोलेंगे। व्यक्ति जिस चीज का हकदार होगा, उसे वह मिलेगा। इसलिए हमारा प्रयास सभी चीजों को नीति संचालित बनाने का है और लिखित रूप में होने की वजह से कोई भी कुछ भी इधर का उधर’ नहीं कर सकेगा।
सरकारी विभागों को अपने परामर्श में मोदी ने कहा कि किसी भी शासन से संबंधित मामले पर कानून का मसौदा तैयार करने के दौरान लोगों को अवश्य शामिल किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कानून बनाने के दौरान अगर हम कई दिमागों का इस्तेमाल करते हैं तो कानून अच्छा बनेगा। इस मामले में गोपनीयता नहीं होनी चाहिए।
मोदी ने ये बातें केंद्रीय सतर्कता अयोग द्वारा 31 अक्तूबर से पांच नवंबर तक आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि देश में मूल्यों में गिरावट आई है।उन्होंने कहा हम जैसा गरीब देश भ्रष्टाचार की विलासिता को वहन नहीं कर सकता। अगर चंद लोग सारा धन अवैध तरीके से लेंगे तो कैसे आम आदमी को लाभ मिलेगा।
मोदी ने कहा कि आम आदमी ईमानदार है और व्यवस्था में सुधार सुनिश्चित करने के लिए कोई भी कीमत चुकाने का इच्छुक है।आधार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी की भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और व्यवस्था में सुधार करने में बड़ी भूमिका है।