पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान सोमवार को होगा.पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन से कड़ी टक्कर मिल रही है, वहीं तरुण गोगोई महत्वपूर्ण पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में 18 और असम में 65 विधानसभा सीटों पर सोमवार को मतदान होगा.
पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में नई सरकार चुनने के लिए एक महीने से अधिक समय तक चुनाव प्रक्रिया चलेगी. जहां पश्चिम बंगाल में छह चरणों में चुनाव होगा, वहीं असम में दो चरणों में चुनाव होगा. पश्चिम बंगाल में सात तारीखों पर मतदान होगा. पहले चरण के तहत दो तारीखों पर मतदान होगा. अगली तारीख 11 अप्रैल की है.
पश्चिम बंगाल के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सोमवार को मतदान होगा. पहले चरण के प्रथम भाग में 133 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 18 निर्वाचन क्षेत्रों में से 13 को चुनाव आयोग ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित करार दिया है. वहां सुरक्षा कारणों से मतदान शाम चार बजे समाप्त हो जाएगा. शेष पांच निर्वाचन क्षेत्रों पुरलिया, मानबाजार, काशीपुर, पारा और रघुनाथपुर में शाम छह बजे तक मतदान होगा.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस बात को रेखांकित कर रही है कि कैसे माओवाद प्रभावित जंगलमहल क्षेत्र में शांति लौट आई है. साल 2011 के विधानसभा चुनाव से पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के 34 साल पुराने शासन का अंत हो गया था.कांग्रेस ने पिछली बार तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस बार कांग्रेस ने वाम मोर्चा के साथ गठबंधन किया है. वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन का भाजपा और तृणमूल दोनों मजाक उड़ा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस गठबंधन को अपवित्र बताया जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़गपुर में एक रैली में इसका मजाक उड़ाते हुए कहा, बंगाल में दोस्ती और केरल में कुश्ती. पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 294 सीटें हैं.असम में सत्तारूढ़ कांग्रेस, भाजपा-अगप-बीपीएम गठबंधन और एआईयूडीएफ के बीच कांटे का मुकाबला है. राज्य के 126 विधानसभा सीटों में से 65 पर प्रथम चरण के तहत सोमवार को मतदान होगा. असम में पहले चरण में कुल 539 उम्मीदवार मैदान में हैं. समूचे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.