नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के संपत्ति बेचने पर लगाई रोक

नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, उनसे जुड़े लोग और कंपनियां अपनी संपत्ति किसी को नहीं बेच सकेंगी। 12,672 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के सिलसिले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 64 लोगों-कंपनियों पर यह रोक लगाई है। इनमें नीरव की कंपनी फायरस्टार डायमंड, मेहुल की गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया, नक्षत्र और पीएनबी के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं।

एनसीएलटी ने यह आदेश कंपनी मामलों के मंत्रालय की याचिका पर दिया है। मंत्रालय ने ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच में तत्काल सुनवाई के लिए 23 फरवरी को पिटीशन दायर की थी।ट्रिब्यूनल ने 26 मार्च को अगली सुनवाई के दौरान रोक लगाए गए सभी 64 लोगों को मौजूद रहने को कहा है।

 

सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेटी ऑन ऑफिस (एसएफआईओ) नीरव मोदी और मेहुल से जुड़ी 110 कंपनियों और 10 एलएलपी फर्मों की जांच कर रहा है।मॉरिशस सरकार ने इस घोटाले से जुड़े सभी लोगों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है।वहां के रेगुलेटर फाइनेंशियल सर्विसेज कमीशन ने एक बयान में कहा कि उसने नीरव और मेहुल के बारे में मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है।

वह भारत की जांच एजेंसियों से भी इनके बारे में सूचनाएं ले रहा है।एक्सिस बैंक की एमडी शिखा शर्मा ने कहा है कि बैंक का कर्ज लौटाने में डिफॉल्ट करने वाले प्रमोटरों को दिवालिया (इन्सॉल्वेंसी) कार्रवाई में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। इससे देश में ‘क्रेडिट कल्चर’ में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि बहुत से मामले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में जाने वाले हैं। इसलिए इनकी क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए।

पीएनबी घोटाले के कारण ट्रेड फाइनेंस के बिजनेस पर असर हुआ है।बैंक किसी कारोबारी को एलओयू देने को तैयार नहीं है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने फर्जी एलओयू के जरिए ही पीएनबी को 12,672 करोड़ रुपए का चूना लगाया है।अगर कोई बैंक इम्पोर्टर्स-एक्सपोर्टर्स एलओयू पर आधारित कर्ज देता भी है, तो वह रिस्क प्रीमियम के तौर पर 0.50% तक ज्यादा ब्याज ले रहा है। 

एलओयू जारी करने वाले, बैंक को फोन करके उसकी वैलेडिटी भी जांच रहे हैं।यूनियन बैंक के एमडी और सीईओ राजकिरण राय ने कहा, ‘बैंक गारंटी होने से एलओयू में कभी डिफॉल्ट नहीं हुआ। पहली बार ऐसी समस्या आई है। अब भी एलओयू को बैंक गारंटी तो है ही, फिर भी हम ज्यादा एहतियात बरत रहे हैं।

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