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PM मोदी ने महामना एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

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नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। यहां लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी सरकार गरीबों और दलितों के लिए है। मुझ पर चारों तरफ से हमले होते रहते हैं, लेकिन हम पूरी तरह से विकास को गरीबों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।इस अवसर पर, मोदी ने महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी भी दिखाई जो वाराणसी और नई दिल्ली के बीच की दूरी 14 घंटे से कम समय में पूरा करेगी। यह यात्रियों को आधुनिकतम सुविधाएं देगी और हफ्ते में तीन दिन चलेगी।

इस अवसर पर भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद लॉर्ड राज लूंबा और उनकी पत्नी के साथ अन्य लोग भी मौजूद थे। लूंबा ने हिंदी में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाला एक न्यास विधवाओं के पुनर्वास में लगा है और वह वाराणसी में अपने पति खो चुकी महिलाओं की मदद करना चाहता है। मोदी ने विधवाओं के लिए अच्छे काम करने पर लार्ड लूबा और उनकी पत्नी का शुक्रिया अदा किया।

हफ्ते में तीन दिन चलने वाली ये ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच की 800 किलोमीटर की दूरी 14 घंटे में तय करेगी। ट्रेन में यात्रियों के सुविधा और स्वच्छता का खासा ध्यान रखा गया है। ट्रेन के हर डिब्बे में बायो टॉयलेट और कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा एसी कोच में एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है।

मोदी ने कहा कि लोगों को हमदर्दी है लेकिन चाहे ट्रेन हो या बस, उनके लिए सुविधाओं की कमी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘धीरे धीरे, हमें उनके लिए विशेष शौचालय सीटें और रैंप की तरह की सुविधाएं सृजित करनी है। अब से सभी सरकारी इमारतों में इस तरह की सुविधाएं होंगी और सभी विभागों को इस तरह के लोगों के प्रति संवेदनशील बनाया जा रहा है।’उन्होंने कहा, ‘हम उनके लिए संभव हर चीज करेंगे और जहां नियमों एवं प्रणालियों को बदलना है, हम उन्हें बदलेंगे।

मोदी ने यह भी कहा इस तरह के शिविरों से बिचौलिए अलगाव में पड़ते हैं। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘और बिचौलियों के अलगाव में पड़ने से कुछ लोग चिंतित हो रहे हैं। ’ उन्होंने कहा कि 1992 के बाद से 100 से भी कम इस तरह के शिविर आयोजित हुए जबकि उनकी सरकार में 2014 के बाद से इस तरह के 1800 शिविर आयोजित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि अबसे हर सरकारी दफ्तर में अपंगों के लिए रैंप और शौचालय की सीटें होंगी।

मोदी ने कहा कि यह सिर्फ विकलांग बच्चों के मां-बाप का दायित्व नहीं है, बल्कि उनकी देखभाल करना समाज का सामूहिक दायित्व है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमारी सरकार इस तरह के बच्चों का विशेष ख्याल रख रही है।’ मोदी ने काशी यात्रा के बारे जापानी प्रधानमंत्री की कही बातों के लिए उनको भी धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, ‘मैं बौद्ध आंदोलन कार्यक्रम के दौरान एक संबोधन में अपनी काशी यात्रा और ‘गंगा आरती’ के अपने अनुभव के बारे में जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो आबे के अच्छे शब्दों का आभारी हूं। उनके शब्द हर काशी वासी और हर भारतीय को गौरान्वित करेंगे।’

मोदी ने शहर के बाहरी इलाके में हुई सड़क दुर्घटना पर दुख प्रकट किया। अपंग लोगों को कार्यक्रम स्थल पर ला रही एक बस उलट गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जो घायल हुए हैं, मैं उनकी त्वरित स्वास्थ्यलाभ की कामना करता हूं। हमारी सरकार सुनिश्चित करेगी कि उन्हें सर्वश्रेष्ट संभव चिकित्सा उपलब्ध हो।’ वह निजी तौर पर देश के विभिन्न हिस्सों के बच्चों से मिले जिन्होंने बोलने और सुनने की अशक्तता पर विजय पाई है।मोदी ने राहुल नामक एक बच्चे को कंप्यूटर सौंपा जो निम्न आईक्यू का शिकार है। उन्होंने कहा कि वह राहुल के कंप्यूटर कौशल से प्रभावित हैं।

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