प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर आ रहे हैं। कबीरदास की 500वीं जयंती पर प्रधानमंत्री मगहर में संत कबीर अकादमी की आधारशिला रखेंगे। 24 करोड़ रुपए से बनने वाली इस अकादमी में पार्क और पुस्तकालय के अलावा कबीर पर शोध का संस्थान भी होगा। वे यहां करीब 2.30 घंटे रहेंगे।
मोदी इस दौरान कबीरदास की मजार पर चादर भी चढ़ाएंगे। माना जा रहा है कि यहां रैली के जरिए मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में भाजपा का मिशन शुरू कर सकते हैं।कबीरपंथियों में मुख्य रूप से दलित और पिछड़ी हिंदू जातियों के लोग हैं। गोरखपुर से वाराणसी तक कबीर के अनुयायियों की बड़ी संख्या है।
मोदी के इस दौरे को भाजपा के प्रति दलितों की बढ़ती नाराजगी का डैमेज कंट्रोल भी माना जा रहा है। भाजपा सूत्रों का मानना है कि मोदी के कबीर के निर्वाण स्थल में जाने से भाजपा का मुख्य वोटर कहा जाने वाला तबका नाराज हो सकता है।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए गोरखपुर जोन के महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जिलों की नेपाल से लगी 395 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।
इस शहर को नरक के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी धारणा है कि मगहर में जिसकी मृत्यु होती है, वह स्वर्ग नहीं जाता। वहीं, काशी में जो शरीर त्यागता है, वो स्वर्ग जाता है। संत कबीरदास इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए मगहर गए थे और वहीं समाधि ली थी।