मायावती ने सोमवार को भाजपा पर आरक्षण-विरोधी मानसिकता के तहत काम करने और इस मामले में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया.मायावती ने सोमवार को कहा कि शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था है, लेकिन आज़ादी के बाद से विभिन्न विरोधी पार्टियों खासकर कांग्रेस और भाजपा सरकारों की ग़लत नीतियों और नीयत के कारण अगड़ी जातियों तथा अल्पसंख्यक समाज के लोगों में ग़रीबी काफी बढ़ी है, इसलिए उन्हें उनकी ग़रीबी के आधार पर अलग से आरक्षण की व्यवस्था किये जाने की ज़रूरत है.
बसपा प्रमुख ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा रविवार को एक टीवी साक्षात्कार में आरक्षण के सम्बन्ध में दिये गये कथित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि दलितों, आदिवासियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों को मिलने वाली 50 प्रतिशत के आरक्षण में कटौती किये बिना ही अगड़ी जातियों तथा अल्पसंख्यक समाज के ग़रीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है और यह बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी मालूम होनी चाहिये, लेकिन वह जानबूझकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बसपा इसे स्वीकार नहीं करेगी.मायावती के दावे के मुताबिक शाह ने साक्षात्कार में कहा है कि अगड़ी जातियों और अल्पसंख्यक समाज के ग़रीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिये जाने से दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ों के इस आरक्षण में कटौती हो जायेगी.बसपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को खासकर आरक्षण के मामले में अपनी कथनी और करनी में जमीन-आसमान के अन्तर को मिटाकर सही मानसिकता से काम करना होगा.