प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को गरिमापूर्ण आचरण करने की सलाह देते हुए कहा कि यह उपदेश उनका नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का है.राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने कहा है कि सदन बहस के लिए होता है. पिछले दिनों सदन में जो कुछ हुआ, उससे बहुत पीड़ा हुई है.
जब सदन नहीं चलता है तो इसका नुकसान सत्ता पक्ष के साथ-साथ देश का भी होता है लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान सांसदों का होता है. संसद की बहस में बाधा डालने के उलट नतीजे हो सकते हैं.उन्होंने कहा कि कई अहम विधेयक अटके हुए हैं. जो विधेयक पास किए जाने हैं, वे आम लोगों के लिए है. ये सिस्टम को बिचौलियों से आजाद करने के लिए हैं. जीएसटी, उपभोक्ता कानून जैसे लोक महत्व के कानूनों को रोका जा रहा है. इसमें कौन सा देशहित है.
मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि सांसदों को गरिमापूर्ण आचरण लेकिन यह उनका उपदेश नहीं है बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का है.उन्होंने कहा कि राजीव गांधी भी संसद में बहस पर जोर देते थे.
इस दौरान उन्होंने पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का भी जिक्र किया. उन्होंने विपक्ष को याद दिलाया कि संसद की कार्यवाही को रोकना संसदीय प्रणाली में विश्वास कम करना है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आठ मार्च को संसद में केवल महिला सदस्य ही बोलें.