गुरमीत राम रहीम की दत्तक बेटी हनीप्रीत इंसां ने बाबा के साथ शारीरिक संबंधों के आरोपों को खारिज कर दिया और लोगों से ऐसी झूठी खबरों पर विश्वास न करने को कहा। हालांकि उनके परित्यक्त पति विश्वास गुप्ता ने दावा किया कि 2009 में बाबा से मिलने के बाद हनीप्रीत और राम रहीम के बीच अवैध संबंध थे।
विश्वास ने उनके ऊपर झूठा होने का आरोप लगाया और कहा वह लोगों की हमदर्दी पाने के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही हैं।हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा ने बताया मेरे और मेरे पिता के बीच एक पवित्र रिश्ता है। यह एक बेटी का अपने पिता के साथ एक पवित्र रिश्ता है। जो भी मेरे बारे में फैलाया जा रहा है, उस पर विश्वास मत किजिए।
राम रहीम और खुद को बेकसूर बताते हुए हनीप्रीत ने कहा कि जब वह किसी आपराधिक मामले में शामिल नहीं हैं और न ही पंचकूला में भड़के दंगों में, फिर उनके खिलाफ पुलिस ने मामला क्यों दर्ज किया है।उन्होंने कहा मैं कोई अपराधी नहीं। मैंने कुछ कहा नहीं है और न ही मैं दंगों के वक्त वहां मौजूद थी। मैं अपने पिता को दोषी ठहराए जाने के बाद उनके साथ गई थी।
हनीप्रीत ने कहा वह राम रहीम पर लगे अरोपों के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगी। वह बेकसूर हैं। वह एक कीड़े को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। सच सामने आएगा और दुनिया देखेगी। मैं हैरान और परेशान हूं। दुनिया हमारे साथ ऐसा कैसे कर सकती है? हम महान देशभक्त हैं और भारत से प्यार करते हैं। मेरे पिता पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। उनके जेल जाते ही सबकुछ खत्म हो गया है।
फरार होने के सवाल पर हनीप्रीत ने कहा मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.सबसे पहले मैं कहीं और गई, उसके बाद दिल्ली और बाद में हरियाणा और पंजाब निकल गई।उनके बयान पर उनके पूर्व पति ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पिछले एक महीने में छुपने के लिए डेरा समर्थकों ने उनकी मदद की।अगर वह पवित्र हैं तो वह क्यों फरार थी।
राम रहीम और खुद को बेगुनाह बताने वाली दलील पर गुप्ता ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि कोई चोर यह मानेगा कि उसने कुछ चुराया है।करीब एक महीने से अधिक समय तक फरार रहने के बाद हनीप्रीत ने मंगलवार अपराह्न् मोहाली पुलिस थाने में समर्पण कर दिया, जहां हरियाणा पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
हनीप्रीत 25 अगस्त को दुष्कर्म के दो आरोपों में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद से हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद से छिप रही थीं। उनके और कई डेरा सदस्यों के खिलाफ हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था।दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।