पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि जब तक राज्य सरकार पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हो जाती है, तब तक पेट्रोल के सस्ता होने की उम्मीद नहीं है.एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से लगाए जाने वाले भारी भरकम टैक्स की वजह से राज्य में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गए हैं.
आपको बता दें कि इस समय ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल ने शतक लगा दिया है.रॉयटर्स की खबर के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में तेजी अब भी जारी है. वहीं, अमेरिका में कच्चे तेल की इवेंटरी में तेज गिरावट आई है.
आपको बता दें कि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार गिरकर 3 साल के निचले स्तर पर आ गया है.पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर 32 रुपये प्रति लीटर टैक्स वसूलती है. जब कच्चा तेल 19 डॉलर प्रति बैरल था तब भी टैक्स इतना ही था.
जब अब कच्चे तेल के दाम 75 डॉलर प्रति बैरल है तब भी टैक्स इतना ही है. उन्होंने बताया कि टैक्स के तौर पर वसूली गई रकम से केंद्र सरकार मुफ्त में राशन, घर और उज्जवला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी रसोई गैस कनेक्शन दे रही है.
इसके अलावा कई और स्कीम्स किसान और आम आदमी के लिए चल रही है.सवाल है कि जीएसटी के दायरे में आने पर पेट्रोल कितना सस्ता होगा? एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें गिरकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकती है. यानी आम जनता को राहत मिल सकती है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में लखनऊ में हुए जीएसटी की बैठक में पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा की खबर थी. केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल ही नहीं, बल्कि शराब को भी जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है. लेकिन राज्य सरकारों को इन पर लगने वाले टैक्स से मोटी आमदनी होती है.