केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कथित डिग्री विवाद के मामले में पटियाला हाउस की अदालत ने राहत देते हुए शिकायती की समन करने की मांग ठुकराते हुए अर्जी खारिज कर दी.अदालत ने कहा कि यह मामला करीब 11 साल की देरी से दायर किया गया है क्योंकि 2004 में चुनाव आयोग को दिए गए वास्तविक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं.
जानकारी हो कि एक स्वतंत्र पत्रकार अहमर खान ने शिकायती मामला दायर करते हुए दावा किया था कि श्रीमती ईरानी ने 2004 में चुनाव आयोग में हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योजना के बारे में गलत सूचना दी थी.
मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट हरविन्दर सिंह ने स्मृति ईरानी को समन करने की मांग खारिज करते हुए कहा कि वास्तविक सबूत इतना वक्त बीतने के बाद गुम हो चुके हैं जबकि अदालत सबूत मांगती है.
अदालत ने कहा कि ऐसे मुकदमे की किस्मत पहले से ही समझी जा सकती है क्योंकि वास्तविक दस्तावेज अधिक समय बीतने के चलते गुम हो चुके हैं. आदेश में आगे कहा गया कि शिकायती को उस वक्त इसकी परवाह नहीं थी क्यों कि श्रीमती ईरानी उस वक्त केंद्रीय मंत्री नहीं थीं.