पठानकोट हमले में पाकिस्तान की सरकार और उसकी एजेंसियां शामिल थी? नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के डायरेक्टर जनरल शरद कुमार ने दिए इंटरव्यू में जहां दावा किया कि पठानकोट हमले में पाकिस्तान के हाथ होने के सुबूत सामने नहीं आए हैं, वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पड़ोसी देश इन धमाकों के पीछे है।कुमार के इंटरव्यू ने NIA को डैमेज कंट्रोल मोड में ला दिया है।
शुक्रवार को मीडिया में जारी किए गए बयान में एनआईए ने कहा कि पठानकोट जांच और समझौता केस की जांच को लेकर एनआईए के डीजी के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। जब इंटरव्यू का ट्रांसक्रिप्ट दिखाया तो एजेंसी की तरफ से कहा गया कि इसमें सुधार की बात कही और पाकिस्तानी सरकार/एजेंसियों की संलिप्तता पर बयान को गलत तरीके से पेश किया बताया।
एनआईए के डीजी ने खुद लिखकर ये बताया था कि अभी तक इस बात का सबूत नहीं मिला है कि पाकिस्तानी सरकार या सरकार एजेंसी ने हमले में (पाकिस्तान की) जैश या मसूद अज़हर या उसके सहयोगियों की मदद की थी। वहीं, दूसरी तरफ, विदेश मंत्रालय ने ये दावा किया कि पठानकोट हमलों के पीछे पाकिस्तान का सरकारी तंत्र शामिल था।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘पठानकोट हमले के पीछे पाकिस्तान के लोग थे, ये एक स्वीकार्य तथ्य है। अभी जांच जारी है। अप्रैल में अपने पाकिस्तानी समकक्ष से मुलाकात के दौरान विदेश सचिव ने जांच की प्रगति पर बात की थी। दो पत्रों के जरिए पाकिस्तानी एजेंसियों को पर्याप्त जानकारी दे दी गई है। अब हमें पाकिस्तान से और अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
उधर शरद कुमार के इंटरव्यू पर अपनी प्रितिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद नफीस जकरिया ने एक ट्वीट में कहा कि एनआईए के डायरेक्टर के बयान से पाकिस्तानी रुख की पुष्टि हो जाती है।
उधर, विपक्षी दलों ने पाकिस्तान को क्लीन चिट देने पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पाक को क्लीन चिट देने से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर पाक के आगे घुटने टेक देने का आरोप लगाया।